गोरखपुर के असुरन चौराहे से गुजरते हुए एक पुरानी पंचर की दुकान दिखाई देती है जो पिछले 65, 70 साल से उसी जगह मौजूद है। पहले इस दुकान पर मोहम्मद शरीफ बैठते थे लेकिन पिछले साल उनकी मृत्यु हो गई अब इस दुकान को पूरे तौर पर उनका बेटा खुर्शीद संभालता है। खुर्शीद नेशनल लेवल के हॉकी प्लेयर हैं, तालीम भी है तजुर्बा भी है लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला कि वह हॉकी में अपना मुस्तकबिल बना सके। आज भी खुर्शीद बच्चों को हॉकी सिखाते हैं। नेशनल लेवल पर हॉकी के लिए अंपायरिंग करते हैं लेकिन नौकरी के नाम पर उन्हें सिर्फ आश्वासन मिला।