आर्टिकल 35-ए आजादी मिलने के सात साल बाद यानी साल 1954 में अस्तित्व में आया था। यह एक अस्थायी उपबंध था जिसे राज्य में हालात को उस समय स्थिर करने के लिए जोड़ा गया था। इस अनुच्छेद 35-ए को संविधान के निर्माताओं ने नहीं बनाया। बल्कि इसे शेख अब्दुल्ला और नेहरू के बीच 1952 के दिल्ली समझौता के बाद 1954 में को संविधान में जोड़ा गया। 35ए के जरिए भारतीय नागरिकता को जम्मू-कश्मीर की राज्य सूची का मामला बना दिया। लेकिन अब मोदी सरकार की इच्छा शक्ति की वजह से अब यह विवादास्पद प्रावधान इतिहास का हिस्सा बन चुका है।