अहमदाबाद, गुजरात के स्लम एरिया में रहने वाले दिव्यांग पिता हिम्मत भाई रेलवे स्टेशन पर लॉक बेचते थे। मां साड़ी का काम हाथ से करके घर चलाती थी। माई नेशन हिंदी से बात करते हुए चंद्रेश बायड कहते हैं कि शुरुआती जिंदगी ऐसी थी कि घर में सबसे सस्ता खाना खिचड़ी ही मिलती थी।