सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद कई मुस्लिम नेता इसका विरोध कर रहे हैं। जबकि इस फैसले के आने से पहले सभी वर्गों ने कहा था कि जो भी फैसला आएगा। उसको स्वीकार किया जाएगा। लेकिन अब बोर्ड इस मामले को लेकर दो हिस्सों में बंट गया है। एक वर्ग चाहता है कि इस मामले में फिर से सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की जा सके।