पुलवामा घटना के बाद देश के तमाम हिस्सों से कश्मीरियों पर हमले की खबरें आयीं। सर्वोच्च न्यायालय ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों को कश्मीरियों की सुरक्षा के लिये तुरंत आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिये।
यद्यपि केन्द्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक के तुरंत बाद ही कश्मीरियों की सुरक्षा के संबंध में सूचना जारी की थी, गृह मंत्रालय द्वारा एडवाइजरी जारी कर इसे दोहराया गया। लेकिन याचिकाकर्ता ने इसे कश्मीरियों के साथ ही शेष भारत के मुसलमानों के साथ जोड़ दिया। इसे कुछ माह पहले हुई मॉब लिंचिग की घटनाओं से जोड़ कर दिखाने की कोशिश हुई। इस पर अदालत ने यह आदेश भी कर दिया कि गोरक्षकों के हमलों से निपटने के लिये नोडल अधिकारी बनाये गये पुलिस अधिकारी ही अब राज्यों में कश्मीरियों के खिलाफ हो रही हिंसक घटनाओं पर कार्रवाई करेंगे।