नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी का देश को आधुनिकीकरण की ओर ले जाने का सपना अब महाकुंभ में भी दिखेगा। महाकुंभ 2025 में इस बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से खोए हुए व्यक्तियों को ढूंढने की योजना बनाई गई है। लाखों की भीड़ के बीच जहां पहले परिवारों से बिछड़ने की समस्या आम थी, अब नई टेक्नोलॉजी इस चुनौती का समाधान करेगा। आइए जानते हैं कि प्रशासन ने इसके लिए क्या मास्टर प्लान तैयार किया है?

AI के जरिए खोए हुए मिलेंगे अपने परिजनों से

महाकुंभ में इस बार खोए-पाए केंद्रों को कंप्यूटराइज किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति मेले में खो जाता है, तो उसका परिवार खोया-पाया केंद्र में शिकायत दर्ज करवा सकता है। परिवार द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर AI सिस्टम व्यक्ति की तस्वीर तैयार करेगा। यह सिस्टम पहले की स्केचिंग तकनीक से कहीं अधिक सटीक और तेज है। AI स्केचिंग के माध्यम से व्यक्ति की पहचान जल्द साझा हो सकेगी। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी इसे तुरंत कार्रवाई के लिए यूज कर सकेंगे। 

महाकुंभ में 10 कंप्यूटराइज खोया-पाया केंद्र 

महाकुंभ 2025 में प्रशासन ने 10 कंप्यूटराइज खोया-पाया केंद्र स्थापित किए हैं। इनमें से एक को मेन सेंटर के रूप में स्थापित किया गया है। सभी डेटा को MIS सर्वर रूम में एकत्रित किया जाएगा, जो पूरे मेले की निगरानी का प्रमुख केंद्र होगा। खोए-पाए केंद्रों में लगे कंप्यूटर और सर्वर के जरिए शिकायतों को सटीक और तेज़ी से रिकॉर्ड किया जाएगा। मेले में मदद के लिए 1920 हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है, जहां व्यक्ति फोन करके भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

AI कैसे तेज करेगा खोए हुए व्यक्ति को खोजने का प्रॉसेस?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से खोए हुए व्यक्तियों को ढूंढने में समय और मेहतन की बचत होगी।  ट्रेडिशनल स्केचिंग के मुकाबले AI-generated फोटो अधिक सटीक और तेज़ी से तैयार होती है। सभी केंद्रों पर प्राप्त शिकायतों को एकत्र कर एक ही सिस्टम पर प्रोसेस किया जाएगा। जैसे ही व्यक्ति की पहचान होगी, उसे ढूंढने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, और परिवारवालों को सूचित किया जाएगा।

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