Mobile connections will be disconnected: साइबर क्राइम और ऑनलाइन धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए गर्वनमेंट के पहले देशव्यापी अभियान के तहत टेलीकम्युनिकेशन ऑपरेटर एक बार में रिकॉर्ड 1.8 मिलियन से अधिक मोबाइल कनेक्शन बंद करने की तैयारी में है। साइबर क्राइम और फाईनेंसियल फ्रॉड के लिए मोबाइल कनेक्शन के दुरुपयोग का पता लगाने के लिए विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों (Law enforcement agencies) द्वारा की गई व्यापक जांच के बाद यह कदम उठाया गया है।

Mobile connections will be disconnected: 20 लाख सिमकार्ड बंद करने की तैयारी
ET की एक  रिपोर्ट के मुताबिक जांच के दौरान अधिकारियों ने पाया कि कई मामलों में हजारों मोबाइल कनेक्शन (मोबाइल नंबर) एक ही हैंडसेट में इस्तेमाल किए गए। 9 मई को टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) ने टेलीकॉम कंपनियों को 28,220 मोबाइल हैंडसेटों को डिस्कनेक्ट करने और इन हैंडसेटों के साथ दुरुपयोग किए गए 20 लाख से अधिक मोबाइल कनेक्शनों को फिर से वेरीफाई करने के लिए कहा था।

Mobile connections will be disconnected: शुरू हुआ वेरीफिकेशन
अधिकारियों ने बताया कि आमतौर पर हमने पाया है कि ऐसे मामलों में केवल 10% कनेक्शन ही वेरीफाई हो पाते हैं और बाकी कनेक्शन कट जाते हैं। जिससे पुन: वेरीफिकेशन फेल हो  जाता है। जब टेलीकॉम कंपनियां 15 दिनों में पुन: वेरीफिकेशन पूरा कर लेंगी तो कनेक्शन काट दिया जाएगा। देश में मोबाइल फोन आधारित साइबर क्राइम की संख्या में लगातार वृद्धि के बीच यह घटनाक्रम सामने आया है।

Mobile connections will be disconnected: पिछले साल हुआ 10,319 करोड़ रुपए का साइबर फ्रॉड
नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) के अनुसार डिजिटल फाईनेंसियल फ्रॉड के पीड़ितों को 2023 में 10,319 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। फाईनेंस पर संसदीय स्थायी समिति की एक रिपोर्ट के अनुसार 2023 में 694,000 से अधिक कंप्लेन प्राप्त हुईं। जालसाज आम तौर पर विभिन्न टेलीकाम सर्किलों के सिम कार्ड का उपयोग करते हैं और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ-साथ टेलीकॉम कंपनियों की नजरों से बचने के लिए रूटीन में सिम और हैंडसेट को बदलते रहते हैं। 

Mobile connections will be disconnected: एक साल पहले बंद हो चुके हैं 2 लाख सिम कार्ड
पहले की जांच में दूरसंचार कंपनियों ने साइबर क्राइम में संलिप्तता के लिए पिछले साल लगभग 200,000 सिम कार्ड बंद कर दिए थे। सरकार ने हरियाणा के मेवात जैसे क्षेत्रों में जांच के बाद 37,000 से अधिक सिम कार्ड बदं कर दिए। अधिकारी ने बताया कि अपने रोमिंग डिटेक्शन सिस्टम के हिस्से के रूप में जब कोई व्यक्ति एक अलग सर्कल में जाता है तो टेलीकॉम कंपनियां तुरंत उसे पकड़ लेती हैं। अगर टेलीकॉम कंपनियां अपनी ओर से सक्रिय कदम उठाती हैं, तो यह ऑनलाइन धोखाधड़ी से निपटने में मददगार हो सकता है।

 


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