Government Pension Scheme For Labourers: भारत सरकार देश के असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों के लिए कई योजनाएं चलाती है। इनमें से एक महत्वपूर्ण योजना है 'प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना'। इसका मकसद दिहाड़ी मजदूरों, रेहड़ी-पटरी वालों और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले करोड़ों लोगों को 60 साल की उम्र के बाद पेंशन देना है।

कितनी मिलती है पेंशन?

इस योजना के माध्यम से सरकार असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को बुढ़ापे में पेंशन के रूप में आर्थिक सहायता देती है। क्योंकि इन मजदूरों की आमदनी तय नहीं होती और इनके पास रिटायरमेंट के बाद पेंशन की सुविधा नहीं होती, इसलिए सरकार ने इस योजना की शुरुआत की। इस योजना के तहत, 60 साल की उम्र के बाद मजदूरों को हर महीने पेंशन मिलती है, जो 3000 रुपये होती है। 

18 से 40 साल के बीच होनी चाहिए आवेदक की उम्र

इस योजना का लाभ पाने के लिए आवेदक की उम्र 18 से 40 साल के बीच होनी चाहिए। मजदूर को 20 साल तक स्कीम में रेगुलर कंट्रीब्यूशन करना जरूरी होता है। जितना कंट्रीब्यूशन यानी पैसा मजदूर की तरफ से जमा किया जाता है, उतना ही सरकार की तरफ से भी जमा किया जाता है। यह भी शर्त है कि मजदूर की मंथली इनकम 15,000 रुपये से कम हो। दिहाड़ी और एग्रीकल्चर मजदूर, घरेलू कामगार, ठेले-खोमचे वाले, रिक्शा चालक, प्लंबर, राजमिस्त्री वगैरह इस योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं। 

कैसे करें अप्लाई?

प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना में आवेदन करने के लिए श्रमिक को नजदीकी जन सेवा केंद्र (CSC) जाना होता है। वहां जाकर ऑपरेटर को आधार कार्ड और बैंक पासबुक की जानकारी देनी होगी। यह जरूरी है कि मजदूर का मोबाइल नंबर उसके बैंक खाते से लिंक हो। आवेदन के बाद योजना का प्रीमियम शुरू करने के लिए पहली किस्त नगद या चेक के जरिए देनी होती है। पहली किस्त के बाद बाकी की प्रीमियम राशि मजदूर के खाते से ऑटो डेबिट मीडियम से कटती रहती है। इस तरह, मजदूर को हर महीने प्रीमियम जमा करने का झंझट नहीं रहता है।

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