नयी दिल्ली। साओ पाउलो एयरपोर्ट पर फंसे 666 एशियाई प्रवासियों की स्थिति बेहद खराब है। इनमें भारत और नेपाल के नागरिक भी शामिल हैं। बिना वीजा और पैसों के ये प्रवासी ब्राजील में प्रवेश करने के इंतजार में भूख से तड़पते हुए फर्श पर सोने को मजबूर हैं। इनके हालात इतने खराब हैं कि बच्चों के लिए कंबल तक नहीं हैं। यह संकट तब और बढ़ा जब ब्राजील ने 27 अगस्त 2024 से अमेरिका और कनाडा जाने वाले कुछ एशियाई लोगों के लिए अपने देश में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया। इससे उन प्रवासियों की मुश्किलें बढ़ गईं, जो पहले से ही अवैध रूप से अमेरिका और अन्य देशों में जाने के प्रयास में 'डंकी रूट' का सहारा ले रहे थे।

क्या है डंकी रूट?

डंकी रूट या डंकी फ्लाइट एक अवैध मार्ग है, जिससे लोग बैकडोर से अमेरिका, कनाडा, या यूरोप में प्रवेश करने की कोशिश करते हैं। यह रास्ता अवैध होने के साथ जानलेवा भी है। इस सफर में कई बार लोग प्यास से मर जाते हैं, जंगली जानवरों का शिकार हो जाते हैं, या समुद्र पार करते समय डूब जाते हैं। कई बार तो इस रूट पर लोग रेप, डकैती और अन्य घटनाएं भी झेलते हैं। दरअसल, पंजाबी के 'डुंकी' शब्द से आए डंकी का मतलब कूदना, फांदना या फुदकना होता है। मतलब इस सफर में लोगों को ​अलग-अलग देशों में रोका जाता है और फिर आगे भेजा जाता है।  

ब्राजील में क्यों फंसे हैं ये लोग?

ब्राजील का यूज प्रवासी लोगों द्वारा अमेरिका और कनाडा जाने के लिए एक सेफ पड़ाव के रूप में किया जा रहा था। लेकिन अब, ब्राजील ने पांच एशियाई देशों–भारत, वियतनाम, नेपाल, बांग्लादेश, और इंडोनेशिया से बिना वीजा आने वाले प्रवासियों को देश में प्रवेश देने से मना कर दिया है। इसकी वजह से डंकी रूट तय कर यूरोप जाने वाले लोग साओ पाउलो एयरपोर्ट पर फंस गए हैं।

सुरक्षित वापसी के लिए क्या करें?

अगर आप विदेश में बिना वीजा या जरूरी दस्तावेजों के फंस गए हैं, तो सबसे पहले संबंधित भारतीय दूतावास से संपर्क करें। विदेश मंत्रालय के 'मदद' पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज करें। भारतीय वाणिज्य दूतावास ऐसे मामलों में आपकी मदद कर सकता है, जहां खाने, पानी और सुरक्षित वतन वापसी का इंतजाम संभव हो सकता है। हालांकि मौजूदा संकट ने एक बार फिर इस संकट ने एक बार फिर 'डंकी रूट' के खतरों को उजागर कर दिया है। हजारों लोग हर साल इस रास्ते से अवैध रूप से विदेश जाते हैं, लेकिन मंजिल तक पहुंचने की कोई गारंटी नहीं होती। इसके बजाय, यह सफर उन्हें मौत के मुंह में धकेल देता है। इसलिए विदेश जाने के लिए हमेशा कानूनी रास्तों का ही चयन करना चाहिए।

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