Union Budget 2024: चंद्रयान-3 मिशन की सफलता से उत्साहित मोदी 3.0 गर्वनमेंट की फाईनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को स्पेस टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट को प्रोत्साहित करने के लिए ₹ 1,000 करोड़ के कोष की घोषणा की। यह घोषणा संसद में अपने केंद्रीय बजट 2024 भाषण में की गई और उम्मीद है कि इससे भारत में 180 से अधिक सरकारी मान्यता प्राप्त स्पेस टेक्नोलॉजी स्टार्टअप को सहायता मिलेगी।

वर्तमान में देश के पास कितने हैं एक्टिव स्पेस एसेट्स?
यह घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किए गए इकोनाॅमी सर्वे 2023-24 के बाद की गई, जिसमें कहा गया था कि पिछले कुछ वर्षों में स्पेस सेक्टर ने स्पेस एक्सप्लोरेसन और जमीनी बेसिक स्ट्रक्चर के लिए यूज किए जाने वाले रॉकेट, सेटेलाईट और स्पेसक्राफ्ट के निर्माण में उल्लेखनीय प्रगति देखी है। सर्वे में कहा गया है कि वर्तमान में भारत के पास 55 एक्टिव स्पेस एसेट्स हैं, जिनमें 18 कम्युनिकेशन सेटेलाईट, नौ नेविगेशन सेटेलाईट, 5 साईंटिक सेटेलाईट, तीन मौसम संबंधी सेटेलाईट्स और 20 पृथ्वी ऑब्जर्वेशन सेटेलाइट्स शामिल हैं।

क्या है न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड का प्रोग्राम?
इसमें यह भी कहा गया है कि न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) ने LVM3, M2 और M3 मिशनों के माध्यम से वनवेब के 72 सेटेलाईट्स को पृथ्वी की लोवर क्लास में आर्बिट करने के अपने कांट्रैक्ट को सफलतापूर्वक एग्जीक्यूट किया है, जिससे LVM3 ग्लोबल कामर्सियल लांच सर्विस मार्केट में एक रिलेबल लांच व्हीकल के रूप में स्थापित हुआ है। 

IN-SPACe की महत्वपूर्ण भूमिका
इकोनॉमकिल सर्वे 2023-24 में कहा गया है कि इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराईजेशन सेंटर (IN-SPACe) -स्पेस एक्टिविटीज को बढ़ावा देने और अथराईज्ड करने के लिए एक एकल खिड़की एजेंसी - को 1 जनवरी तक 300 से अधिक अथराईजेशन फार्म इंडियन इंस्टीट्यूट से अथारिटी, हैंडहोल्डिंग, सुविधा समर्थन और परामर्श, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और सुविधा उपयोग से संबंधित 440 एप्लीकेशन प्राप्त हुए हैं।

ISRO की बड़ी उपलब्धि
सर्वे में कहा गया है कि स्पेस एक्टिविटीज एक्टिविटीज को अंजाम देने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए 1 जनवरी तक विभिन्न नैन-गर्वनमेंट इंस्टीट्यूट के साथ 51 समझौता ज्ञापनों और 34 ज्वाइंट प्रोजेक्ट इंप्लाईमेंटेंसन प्लांस के कार्यान्वयन स्कीम पर सिग्नेचर किए गए हैं। पिछले साल की शुरुआत में इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाईजेशन (इसरो) ने चंद्रयान-3 को चंद्रमा के अछूते दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर उतारा, जिससे भारत चंद्र सतह पर सफलतापूर्वक उतरने वाला चौथा देश बन गया।
 


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