बनारसी कपड़ा महिलाओं की पहली प्राथमिकता है, क्योंकि यह खूबसूरत तरीके और डिजाइन्स से तैयार किया जाता है। यह सांस्कृतिक पहनावों का सबसे लोकप्रिय फैब्रिक है। इसके कई ऑप्शन मौजूद हैं।
कोटा सिल्क साड़ियां हल्के और महीन धागों से बनी होती हैं। इसलिए इन्हें पहनना आसान होता है और पूरे दिन पहनने में आरामदायक होती हैं।
पैठणी साड़ी, महाराष्ट्र के पैठन क्षेत्र के नाम पर रखा गया है, जहां इन्हें हाथ से बुना जाता है। शहतूत रेशम से बनी, इसे महाराष्ट्र की सबसे समृद्ध साड़ियों में से एक माना जाता है।
त्योहारों पर आप कॉटन की साड़ी भी पहन सकती हैं क्योंकि यह फैब्रिक सबसे आरामदायक और हल्का होता है। इसे पहनने पर गर्मी का एहसास कम होता है। फेस्टिवल आउटफिट्स में इसे जरूर शामिल करें।
इस मौसम में लिनेन साड़ी को शामिल करना सबसे बेस्ट ऑप्शन है क्योंकि यह शरीर का पसीना पूरी तरह सोख लेता है, जिसे पहनकर आप घर का काम भी कर सकती हैं।
नऊवारी साड़ी, इसे नौवारी साड़ी भी कहा जाता है। यह साड़ी नौ गज की होती है। ऐसा कहा जाता है कि मराठों के राज्य में सेना को युद्ध में मदद करने के लिए महिलाओं ने अस्त्र उठा लिए थे।
सिल्क साड़ी को भी आप महाराष्ट्रियन लुक में पहन सकती हैं। यह बहुत आरामदायक और पहनने में हल्की होती है। राजा-रजवाड़ों में रानियां भी साड़ी सिल्क ही पहना करती थी।
ये साड़ी आमतौर पर शुद्ध रेशमी कपड़ों से बनी होती हैं। इस साड़ी को आप अपनी शादी व अन्य अवसरों पर पारंपरिक कोल्हापुरी चप्पलों, सोने के झुमकों और पतले से हार के साथ पेयर करें।
यह सिल्क थ्रेड के साथ मशीन से बुनी हुई नाजुक रूप से बनी साड़ी है। चांदी की जरी को पिघले हुए सोने में डुबोया जाता है और उप्पाडा साड़ी बुनाई में इस्तेमाल किया जाता है।