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जयपुर स्थित जल महल लोगों की पहली पसंद है। मानसरोवर झील के अंदर बने इस महल की1 मंजिल तो दिखाई पड़ती है लेकिन 4 मंजिल पानी के अंदर डूबे हैं।
जल महल का निर्माण 300 साल पहले राजा सवाई जय सिंह-2 ने कराया था। ये किला वास्तुकला का नमूना है, दिन में पर्यटक इसे निहारने से नहीं थकते तो रात में पास जाने की जुर्रत तक नहीं करते।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जल महल के पास रात में जाने की मनाही है। कहा जाता है यहां रात में चीखने-चिल्लाने की आवाजें सुनी गई है। जिसे सुनकर किसी की भी रूह कांप जाएं।
जल महल सूर्यास्त के बाद भूतिया हो जाता है, कहा जाता है, शाम होते-होते यहां अजीब सा वीरानपन छा जाता है, झील से लेकर महल तक लगता है कि कोई देख रहा है।
जल महल पर भूतिया महल होने की बातों में कितनी सच्चाई है ये तो भगवान जानें लेकिन ये महल जयपुर में पर्यटकों का पहली पसंद है।
मानसरोवर झील और अरावली पहाड़ियों के बीच स्थित होने के कारण इसे रोमांटिक महल भी कहा जाता है। कहा जाता है, यहां पर राजा रानियों के साथ अकेले वक्त बिताते थे।
महल में 1 लाख से ज्यादा पेड़ और पौधों हैं। जिनकी देखभाल के लिए 100 से ज्यादा माली लगे हैं। यह राजस्थान की सबसे बड़ी नर्सरी के तौर पर जानी जाती है।