Lifestyle

जन्माष्टमी 2024: श्री कृष्ण का इन मंत्रों से करें पूजन, खूब बरसेगा धन

Image credits: iSTOCK

कब मनाई जाती है जन्माष्टमी?

Janmashtami 2024: हिंदू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी का विशेष महत्व है। हर साल भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस बार जन्माष्टमी 26 अगस्त 2024,सोमवार को है। 

Image credits: iSTOCK

श्रीकृष्ण की पूजा की विधि और मंत्र

अगर आप भी इस जन्माष्टमी पर विधिपूर्वक पूजा करके जीवन को सफल और सुखी बनाना चाहते हैं, तो यहां जानें, कैसे करें श्रीकृष्ण की विधिपूर्वक पूजन और कौन-कौन से मंत्रों का उच्चारण करें।
 

Image credits: iSTOCK

1. शुद्धि मंत्र के साथ शुरू करें पूजन: हाथ में जल लेकर बोलें

ओम अपवित्रः पवित्रोवा सर्वावस्थां गतोअपि वा। यः स्मरेत पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तरः शुचिः।।
इस मंत्र का उच्चारण करने के बाद जल को स्वयं और पूजन सामग्री पर छिड़ककर पवित्र करें।
 

Image credits: iSTOCK

2. ध्यान मंत्र: हाथ में फूल लेकर श्रीकृष्ण का ध्यान करें और बोलें

वसुदेव सुतं देव कंस चाणूर मर्दनम्। देवकी परमानंदं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्।।
अर्थ: हे वसुदेव के पुत्र, कंस और चाणूर का अंत करने वाले देवकी को आनंद देने वाले जगतगुरु आपको नमस्कार है।

 

Image credits: iSTOCK

3. संकल्प मंत्र: हाथ में जल, अक्षत, फूल या जल लेकर संकल्प मंत्र बोलें

‘यथोपलब्धपूजनसामग्रीभिः कार्य सिद्धयर्थं कलशाधिष्ठित देवता सहित, श्रीजन्माष्टमी पूजनं महं करिष्ये।
संकल्प मंत्र के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है, इसलिए इसे अवश्य बोलें।

 

Image credits: iSTOCK

4. आवाहन मंत्र: मूर्ति स्थापना के समय तिल-जौ लेकर मंत्र बोलें

अनादिमाद्यं पुरुषोत्तमोत्तमं श्रीकृष्णचन्द्रं निजभक्तवत्सलम्। स्वयं त्वसंख्याण्डपतिं परात्परं राधापतिं त्वां शरणं व्रजाम्यहम्।।
इसके बाद, तिल और जौ को भगवान की प्रतिमा पर छोड़ दें।

 

Image credits: iSTOCK

5. आसन मंत्र: भगवान के लिए आसन अर्पित करते समय अर्घा में जल लेकर बोलें

रम्यं सुशोभनं दिव्यं सर्वासौख्यकरं शुभम्। आसनं च मया दत्तं गृहाण परमेश्वर।।

 

Image credits: iSTOCK

6. अर्घ्य मंत्र: कृष्ण को अर्घ्य देते समय अर्घा में जल लेकर बोलें

अर्घ्यं गृहाण देवेश गन्धपुष्पाक्षतैः सह। करुणां करु मे देव! गृहाणार्घ्यं नमोस्तु ते।।

 

Image credits: iSTOCK

7. स्नान मंत्र: भगवान श्रीकृष्ण को स्नान कराते समय बोलें

गंगा, सरस्वती, रेवा, पयोष्णी, नर्मदाजलैः। स्नापितोअसि मया देव तथा शांति कुरुष्व मे।।

 

Image credits: iSTOCK

8. वस्त्र अर्पण मंत्र: पीले वस्त्र कान्हा को अर्पित करने का मंत्र

शीतवातोष्णसन्त्राणं लज्जाया रक्षणं परम्। देहालअंगकरणं वस्त्रमतः शान्तिं प्रयच्छ मे।

 

Image credits: iSTOCK

9. यज्ञोपवीत मंत्र: श्रीकृष्ण को यज्ञोपवीत अर्पित करते समय मंत्र बोलें

यज्ञोपवीतं परमं पवित्रं प्रजापतेर्यत्सहजं पुरस्तात्। आयुष्मयग्यं प्रतिमुन्ज शुभ्रं यज्ञोपवीतं बलमस्तु तेजः।।

 

Image credits: iSTOCK

10. चंदन  मंत्र: श्रीकृष्ण को चंदन अर्पित करते समय का मंत्र

श्रीखंड चंदनं दिव्यं गन्धाढ्यं सुमनोहरम्। विलेपनं सुरश्रेष्ठ चंदनं प्रतिगृह्यताम्।।

 

Image credits: iSTOCK

11. फूल अर्पण मंत्र: श्रीकृष्ण को फूल और माला अर्पित करते समय का मंत्र

माल्यादीनि सुगन्धीनि मालत्यादीनि वै प्रभो। मयाआहृतानि पुष्पाणि पूजार्थं प्रतिगृह्यताम्।।

 

Image credits: iSTOCK

12. दूर्वा अर्पण मंत्र: दूर्वा लेकर श्रीकृष्ण को अर्पित करने का मंत्र

दूर्वांकुरान् सुहरितानमृतान्मंगलप्रदान्। आनीतांस्तव पूजार्थं गृहाण परमेश्वर।।
 

Image credits: iSTOCK

13. नैवेद्य भेंट मंत्र: श्रीकृष्ण को नैवेद्य अर्पित करने का मंत्र

इदं नाना विधि नैवेद्यानि ओम नमो भगवते वासुदेवं, देवकीसुतं समर्पयामि।

 

Image credits: iSTOCK

14. आचमन मंत्र: श्रीकृष्ण को आचमन कराते समय मंत्र बोलें

इदं आचमनम् ओम नमो भगवते वासुदेवं, देवकीसुतं समर्पयामि।

 

Image credits: iSTOCK

15. प्रदक्षिणा मंत्र: प्रदक्षिणा करते समय मंत्र बोलें

यानि कानि च पापानि जन्मान्तरकृतानि च। तानि सर्वाणि नश्यन्तु प्रदक्षिण पदे-पदे।

Image credits: iSTOCK
Find Next One