Lifestyle
झारखंड में पंडित नेहरू की आदिवासी पत्नी का बुधनी मंझियान का 80 साल की उम्र में निधन हो गया। उनकी मृत्यू के बाद संथाली में स्मारक बनाने की मांग उठी है।
रिपोर्ट्स बताती हैं बधुनी जबतक जिंदा रहीं तक उन्हें अपने समुदाय का बहिष्कार झेलना पड़ा। बधुनी वहीं थी,जिन्होंने नेहरू की मौजूदगी में पंचेत डैम, हाईडल पावर प्लान्ट का उद्घाटन किया।
बुधनी का सम्मान करने के लिए तत्कालीन पीएम नेहरू ने उन्हें माला पहनाई थी। जिसके बाद उनके समाज के लोग ही बुधनी को बुरा-भला कहने लगे। इस घटना के वक्त वह केवल 16 साल की थीं।
संथाल आदिवासियों में किसी लड़के का लड़की को माला पहनाना शादी का प्रतीक था। नेहरू ने ऐसा ही किया जिसके बाद बुधनी को नेहरू की आदिवासी पत्नी होने का तमगा मिला।
आदिवासी समुदाय में गैर आदिवासी से शादी करना बहिष्कृत था, जिस वजह से जाने-अंजाने में बुधनी की पहनाई गई माला उनके जी का जंजाल बन गई।
वहीं, बुधनी की ये कहानी 17 नवबंर को सामने आई जब एक झोपड़ी में बुधनी की मौत हो गई।
समुदाय के भारी विरोध के बीच वह बंगाल चली गईं और मजूदरी करके पेट पालने लगी। इस दौरान उनकी मुलाकात सुधीर दत्ता से हुई। बाद में दोनों ने शादी रचा ली।