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रमजान में "तरावीह" नमाज़ ज़रूर पढ़ें , होती है अहम

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इबादत का महीना

रमजान इबादत का महीना होता है और इस महीने में तरावीह की नमाज अदा की जाती है जिसकी बहुत फजीलत होती है।

 

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तरावीह पढ़ना है ज़रूरी

रमजानके महीने में रोजा रखते हैं पांच वक्त की नमाज पढ़ते हैं और जकात अदा करते हैं।रमजान के महीने में तरावीह  नमाज़ अदा करना जरूरी होता है क्यूंकि तरावीह सिर्फ रमजान में पढ़ी जाती है।
 

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तरावीह क्या है? (Meaning of Taraweeh)

ईशा की नमाज के बाद तरावीह पढ़ी जाती है। इस नमाज़ को मर्द और औरत दोनों पढ़ सकते हैं।

 

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घर पर भी पढ़ा जा सकता है तरावीह

तरावीह की नमाज को घर पर भी पढ़ा जा सकता है। लेकिन मस्जिद और घर पर पढ़े जाने वाले तरावीह की नमाज में थोड़ा अंतर होता है। इसमें डेढ़ से दो घंटे का समय लगता है।

 


 

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तरावीह की नमाज में है 20 रकात

तरावीह की नमाज में 20 रकात नमाजें होती हैं। हर 2 रकात के बाद सलाम फेरा जाता है. 10 सलाम में 20 रकात होती हैं और 4 रकात के बाद दुआ पढ़ी जाती है।

 

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नमाज़ के बाद सबके लिए दुआ

तरावीह की नमाज़ के बाद दुआ में नमाजी अपने मुल्क अपने मां बाप भाई बहन रिश्तेदार और समजा सलामती की दुआ मांगते हैं।

 

 

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जरूर पढ़ें तरावीह की दुआ (Taraweeh ki Dua)

माह-ए-रमजान में तरावीह की दुआ का बहुत महत्व होता है। दुआ पढ़े बिना तरावीह की नमाज अधूरी मानी जाती है।

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