यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करना हर साल लाखों लोगों का सपना होता है। लेकिन सफीन हसन की कहानी इस परीक्षा को लेकर असाधारण प्रेरणा देती है।
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ईंट भट्ठे पर मजदूरी करते थे पिता
गुजरात के पालनपुर में जन्मे सफीन का परिवार बेहद साधारण था। मां खाना पकाने का काम और पिता ईंट भट्ठे पर मजदूरी करने के अलावा शाम को अंडे बेचते।
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पैरेंट्स ने बेटे को पढ़ाई के लिए किया मोटिवेट
कठिन आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद, माता-पिता ने सफीन को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया। इकोनॉमिक चैलेंजेज में उनके स्कूल SKM हाई स्कूल ने उनकी 11वीं और 12वीं क्लास की फीस माफ कर दी।
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स्कूल में मिली सिविल सेवा में जाने की प्रेरणा
SKM हाई स्कूल में पढ़ाई करते समय, जिला कलेक्टर से मुलाकात ने उनके दिल में सिविल सेवा में जाने का सपना जगा दिया।
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चुनौतियों के बावजूद बुलंद हौसला
सफीन को इंग्लिश बोलने में दिक्कत के चलते आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने इसे सुधारने की ठान ली और इंटरव्यू तक इंग्लिश में दिया।
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एक्सीडेंट और संघर्ष के दिन
यूपीएससी मेन्स के दिन, सुबह 8 बजे सफीन का एक्सीडेंट हुआ। बायां हाथ घायल था, लेकिन उन्होंने परीक्षा दी।
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इंटरव्यू से पहले भी कई बार अस्पताल में भर्ती
इंटरव्यू से पहले भी वह कई बार अस्पताल में भर्ती हुए। फिर भी उन्होंने 2017 में UPSC पास किया।
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सबसे कम उम्र के IPS अधिकारी बने
सफीन ने 517वीं रैंक हासिल कर सिर्फ 22 साल की उम्र में IPS बनने का गौरव हासिल किया।