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लखनऊ में जब भी किसी शेफ का नाम लिया जाता है तो जुल्फिकार हुसैन का नाम सबसे पहले आता है।
जुल्फिकार हुसैन लखनऊ के कश्मीरी मोहल्ला में रहते थे उनके फादर रेलवे में फोर मैन थे।घर की आर्थिक स्थिति कमज़ोर थी।
जुल्फिकार के फादर की तनख्वाह में तीन बच्चों को पढ़ाना मुश्किल था, लिहाजा जुल्फिकार की पढ़ाई को मौलाना कल्बे सादिक साहब ने स्पॉन्सर किया।
पॉलिटेक्निक के जॉइंट एंट्रेंस में 10 सीटों में जुल्फिकार ने अपनी जगह बनाई और अल्मोड़ा से होटल मैनेजमेंट में उनका सेलेक्शन हो गया।
होटल मैनेजमेंट के दौरान फर्स्ट ईयर में जुल्फिकार का कैंपस प्लेसमेंट Wild Flower Hall Oberoi Shimla में हो गया।
थर्ड ईयर में ज़ुल्फ़िकार का सिलेक्शन ओबेरॉय, ताज, रैडिसन, क्लब महिंदा में हो गया।
पढ़ाई कम्प्लीट करने के बाद ज़ुल्फ़िकार ने मुम्बई में अटलांटिस दुबई का इंटरव्यू दिया और यहां भी उनका सिलेक्शन हो गया।
दुबई में दुनिया के बड़े शेफ्स के साथ काम करने के बाद ज़ुल्फ़िकार 2009 में लखनऊ आए, 6 साल एक होटल से जुड़े रहे फिर गोलडन ब्लॉसम में 2016 में जीएम बन गए।
तमाम जगह काम करने के बाद ज़ुल्फ़िकार लखनऊ के 30 से 35 होटल, रेस्टॉरेन्ट और क्लब में कंसल्टेंट हो गए और 2018 में अपनी कम्पनी खोल लिया ।
ज़ुल्फ़िकार की कम्पनी Zusains consultancy sevices ने अब तक लखनऊ में 40 से 50 आउटलेट खुलवाए हैं और उनको चलाने का काम कर रही है।