कभी ठेले पर बेची चाय, अब हैं IAS, इनकी कहानी बदल देगी आपकी सोच
Hindi

कभी ठेले पर बेची चाय, अब हैं IAS, इनकी कहानी बदल देगी आपकी सोच

Hindi

पिता दिहाड़ी मजदूरी कर चलाते थे परिवार

मूलरूप से उत्तराखंड के सितारगंज के रहने वाले हिमांशु गुप्ता का परिवार यूपी के बरेली में रहता है। उनके पिता दिहाड़ी मजदूरी करके परिवार का पेट पालते थे। 
 

Image credits: Social Media
Hindi

2 साल तक पिता के ठेले पर बेची चाय

हिमांशु गुप्ता ने 12 साल की उम्र स्कूल टाइम के बाद दो साल तक पिता के ठेले पर चाय बेची। बाद में परिवार बरेली के सिरौली आ गया और यहीं पर जनरल स्टोर खोला।

Image credits: Social Media
Hindi

स्कूल के लिए तय करते थे 75 किमी का सफर

हिमांशु गुप्ता के घर से स्कूल 35 किमी दूर था। वह स्कूल आने जाने के लिए 70 किलोमीटर का सफर तय करते थे।

Image credits: Social Media
Hindi

स्कॉलरशिप-ट्यूशन से पढ़ाई का खर्च उठाया

12वीं पास करने के बाद दिल्ली विवि से बीएससी और एमएससी की। ग्वालियर के जीवाजी यूनिवर्सिटी से एमफिल। स्कॉलरशिप, ट्यूशन से पढ़ाई का खर्च उठाया।

Image credits: Social Media
Hindi

विदेश की स्कॉलरशिप छोड़ यूपीएससी की तैयारी

दिल्ली विवि के टॉपर रहें। विदेश से पीएचडी के लिए स्कॉलरशिप मिली। पर उसे छोड़ बिना कोचिंग के यूपीएससी के तैयारी में जुट गए। पहले प्रयास में असफल रहें।

Image credits: Social Media
Hindi

पहले IRTS फिर IPS और अब IAS

हिमांशु गुप्ता ने साल 2018, 2019 और 2020 में यूपीएससी क्रैक की। पहले IRTS फिर आईपीएस और तीसरे प्रयास में आईएएस बने। 

Image credits: Social Media

क्या महिला घरेलू हिंसा कानून खत्म कर देना चाहिए? ये जवाब देकर बनीं IPS

अपने बच्चे को सफल बनाने के लिए अपनाए ये 7 अचूक तरीके...

IAS Interview में पूछे गए ये 5 खास सवाल

JEE Main Topper AIR-1: एक छोटे से गांव के किसान का बेटा कैसे बना टॉपर?