JEE Main Topper AIR-1: एक छोटे से गांव के किसान का बेटा कैसे बना टॉपर?
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नीलकृष्णा निर्मलकुमार की आल इंडिया पहली रैंक
JEE Main के फाइनल नतीजों में महाराष्ट्र के किसान के बेटे गजारे नीलकृष्णा निर्मलकुमार की पहली रैंक आई है। वह उन 56 स्टूडेंटस में शामिल हैं, जिन्होंने 100 परसेंटाइल हासिल किए हैं।
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पिता किसान-मां हाउस वाइफ
नीलकृष्णा के पिता निर्मल कुमार किसान और मां हाउस वाइफ हैं। अकोला जिले के बेलखेड़ गांव से 4 तक पढ़ाई की।
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महंगी कोचिंग करनी थी मुश्किल
कांजलातांडा से हाईस्कूल पास हुए। जेईई मेन एग्जाम क्रैक करने का सपना संजोए थे। 11वीं और 12वीं क्लास के दौरान कोचिंग की। पर परिवार की माली हालत ऐसी नहीं थी महंगी कोचिंग करा सके।
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टैलेंट के दम पर स्कॉलरशिप
नीलकृष्णा का टैलेंट देखकर कोचिंग इंस्टीट्यूट ने उन्हें 75 फीसदी स्कॉलरशिप दे दी। मां—पिता ने बेटे को पढ़ाने के लिए त्याग किया और उन्हें अच्छे नंबर लाने के लिए प्रेरित करते रहें।
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अच्छे स्टूडेंट को क्या करना चाहिए?
नीलकृष्णा कहते हैं कि एक अच्छे स्टूडेंट को टॉपिक व कॉन्सेप्ट क्लियर होने तक सवाल पूछने चाहिए। हिचकिचाना नहीं चाहिए।
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लगातार प्रैक्टिस ही सफलता की कुंजी
वह कहते हैं कि मैथ्स में लगातार प्रैक्टिस करें। यही सफलता की कुंजी है। वह डेली 10-15 घंटे पढ़ाई करते थे।
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राज्य व राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी
नीलकृष्णा तीरंदाजी के भी चैंपियन हैं। राष्ट्रीय और राज्य स्तर के खिलाड़ी हैं।