कोलकाता (पश्चिम बंगाल) में 12 जनवरी 1863 को जन्मे स्वामी विवेकानन्द प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। उनके अनमोल विचार लोगों को आज भी प्रेरित करते हैं। आइए उसके बारे में जानते हैं।
स्वामी विवेकानन्द का सबसे प्रेरणादायक वाक्य, “उठो, जागों और तब तक मत रुको जब तक कि तुम्हारे लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाये” है। यह आज भी युवाओं में पॉपुलर है।
उनका यह कथन कि, ''दिन में एक बार खुद से जरूर बात करो अन्यथा दुनिया के सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति से मिलने से चूक जाओगे।'' इंस्पिरेशनल है।
देश को नायकों की जरूरत, नायक बनो, अपना कर्तव्य करते रहो, फॉलोअर खुद बढ़ते जाएंगे।
ईमानदार, सच्चे और ऊर्जा से भरे हुए कुछ पुरुष और स्त्री साल भर में ही एक सदी की भीड़ से ज्यादा काम कर सकते हैं।
सबकी मौत तय है। सबसे बेहतर एक अच्छे काम के लिए मरना है।
स्वामी विवेकानन्द का यह कथन आज भी युवाओं को प्रेरणा देता है कि, ''पहली बार में ही बड़ी—बड़ी योजनाएं मत बनाओ। धीरे—धीरे शुरू करो। जमीन पर पैर रखकर आगे की तरफ बढ़ते रहो।
पैसों को लेकर विवेकानन्द का यह कथन आज भी प्रासंगिक है कि ''धन के लिए कठिन संघर्ष करो, लेकिन उससे लगाव मत पालो।
बड़ा लक्ष्य छल और पाखंड से नहीं पाया जा सकता। प्यार, जुनून और असीमित ऊर्जा से पाया जा सकता है।
भगवान में तभी विश्वास कर सकते हैं, जब आप खुद पर विश्वास करते हैं।
आप पर भरोसा करने वालों को कभी धोखा न दें।