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अंग्रेजी हुकूमत से महात्मा गांधी के इन 7 आंदोलन ने दिलाई आजादी

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आजादी की लड़ाई में गांधी जी के 7आंदोलनों का योगदान

हिंदुस्तान को गुलामी की बेड़ियों से आजाद कराने में महात्मा गांधी का बड़ा योगदान रहा। जानिए आजादी के नींव रखने वाले 7 आंदलनों के बारे में।

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Quit India Movement (भारत छोड़ो आंदोलन)

भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत 1942 में महात्मा गांधी ने की थी। इस आंदोलन के प्रभाव से अंग्रेजों को भारत छोड़ना पड़ा और स्वतंत्र भारत की नींव पड़ी। 
 

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Dalit Movement (दलित आंदोलन )

आजादी से पहले देश में छूआछूत चरम पर था। लोगों के बीच भेदभाव को मिटाने के लिए 8 मई 1933 को दलित आंदोलन (dalit movment) की शुरुआत की थी। इस आंदोलन से छूआछूत कम हुआ।

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Salt Satyagraha March (नमक सत्याग्रह)

अंग्रेजों के खिलाफ महात्मा गांधी का नमक सत्याग्रह सभी आंदोलनों में से महत्वपूर्ण है। 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से दांडी गांव तक बापू ने 24 दिनों का पैदल मार्च निकाला था। 
 

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Non-cooperation movement (असहयोग आंदोलन)

1920 में गांधी ने असहयोग आंदोलन की शुरुआत की थी। ब्रिटिश हाथों से न्याय मिलना असंभव था ऐसे में अग्रेजों के सहमति से भारत छोड़ने के लिए आंदोलन शुरू किया गया था।

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Protest Against The Rowlatt Act (रॉलेट एक्ट का विरोध )

1919 में Rowlatt Act आया था। महात्मा गांधी के नेतृत्व में देशभर में इसका विरोध हुआ था। इस कानून में प्रेस नियंत्रण और किसी को भी बिना वारंट अरेस्ट किए जाने का प्रावधान था। 

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Kheda Movement  (खेड़ा आंदोलन)

गुजरात का खेड़ा गांव  बाढ़ की चपेट में था। शासक मदद नहीं कर रहे थे। गांधी जी ने खेड़ आंदोलन शुरू किया और 1918 में सरकार ने अकाल समाप्त होने तक किसानों को कर भुगतान में ढील दी। 

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Champaran Satyagraha (चंपारण सत्याग्रह)

चंपारण सत्याग्रह महात्मा गांधी की अगुवाई में 1917 में बिहार के चंपारण से शुरू हुआ। ये पहला नागरिक अवज्ञा आंदोलन था। जो ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ जनता का अहिंसक प्रदर्शन था। 


 

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