Hindi

सेंट फिलोमेना कैथेड्रल, कर्नाटक

मैसूर में सेंट जोसेफ और सेंट फिलोमेना कैथेड्रल का निर्माण 1936 में किया गया था।इसे बनाने में वास्तुकला की नव-गॉथिक शैली का उपयोग किया गया था। 
 

Hindi

मेडक कैथेड्रल, तेलंगाना

मेडक कैथेड्रल देश के सबसे बड़े चर्चों में से एक है। इसे ब्रिटिश वेस्लीयन मेथोडिस्ट द्वारा गॉथिक पुनरुद्धार शैली में बनाया गया था और 1924 में पवित्र किया गया था।
 

Image credits: social media
Hindi

कैथेड्रल ऑफ़ आवर लेडी ऑफ़ इमैक्युलेट कॉन्सेप्शन

सांबा कोविल या सेंट पॉल चर्च के रूप में इसे जाना जाता है। इमैक्युलेट कॉन्सेप्शन कैथेड्रल का निर्माण 1692 में जेसुइट्स ने इसे बनवाया था। 

Image credits: Getty
Hindi

क्राइस्ट चर्च, हिमाचल प्रदेश

यह चर्च 1857 में हिमाचल प्रदेश के शिमला में रिज पर नव-गॉथिक शैली में बनाया गया था। यह उत्तर भारत का दूसरा सबसे पुराना चर्च है। चर्च में कुल पांच रंगीन कांच की खिड़कियां हैं।

Image credits: Getty
Hindi

बेसिलिका ऑफ़ आवर लेडी ऑफ़ गुड हेल्थ, तमिलनाडु

वेलंकन्नी के आवर लेडी के अभयारण्य के रूप में अधिक लोकप्रिय है। बेसिलिका को 1962 में तमिलनाडु के नागापट्टिनम के वेलांकन्नी में बनाया गया था। पूरी इमारत को सफेद रंग में रंगा गया है।

Image credits: Getty
Hindi

बेसिलिका ऑफ आवर लेडी ऑफ डोलर्स, केरल

त्रिशूर में यह छोटी बेसिलिका सिरो-मालाबार कैथोलिक गिरजाघर की है। यह संरचना 25,000 वर्ग फुट भूमि पर गोथिक शैली की वास्तुकला को ध्यान में रखकर बनाया गया था।

Image credits: Getty
Hindi

ऑल सेंट्स कैथेड्रल, उत्तर प्रदेश

पत्थर गिरजा या पत्थरों के चर्च के नाम से भी जाना जाने जाता है। यह चर्च 1887 में इलाहाबाद में गोथिक शैली की वास्तुकला में बनाया गया था। यह चर्च 125 साल से अधिक पुराना है।
 

Image credits: Getty
Hindi

बेसिलिका ऑफ बॉम जीसस, गोवा

गोवा के पंजिम में बेसिलिका ऑफ बॉम जीसस चर्च 1605 में बनाया गया था और इसमें सेंट फ्रांसिस जेवियर के अवशेष हैं। यह यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है।

Image credits: Getty

'X' डाउन होने से यूजर्स रहे परेशान, जाने क्यों ठप पड़ जाती हैं सर्विस

साक्षी मालिक ने किया संन्यास का ऐलान, कहा- बृजभूषण जैसा...

पंजाब के इस मंत्री को कोर्ट ने सुनाई सजा, कौन हैं ये

कोविड के नए वैरियंट JN.1 से पैनिक न हों, इन बातों का रखें ख्याल