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बीते दिनों आयकर विभाग ने एक छापेमारी में 225 करोड़ से ज्यादा कैश बरामद किया तो देश भर में हलचल मच गई।
नोटों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि उन्हें गिनने के लिए मशीने मंगानी पड़ी जो नोट गिनते—गिनते खराब हो गईं।
नोटों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि बैग खत्म हो गएं तो उन्हें बोरों में भरकर ट्रकों से ले जाया गया।
साल 1959 में जन्मे धीरज साहू 2010 में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद बने और अब भी सांसद ही हैं। उनके पिता बलदेव साहू स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हुए थे।
धीरज साहू के भाई शिव प्रसाद साहू भी राजनीति में रहें। रांची से सांसद रह चुके हैं। अब इस दुनिया मे नही हैं।
धीरज साहू ने स्नातक की पढ़ाई की है। वह शराब के बिजनेस मे हैं। उनकी परिवार की कंपनी ओडिशा में है। जिसका नाम बौध डिस्टलरी है।
धीरज साहू का कारोबार सिर्फ ओडिशा ही नहीं, झारखंड और पश्चिम बंगाल तक फैला है। इन्हीं राज्यों में आईटी ने 25 ठिकानों पर छापे मारे।