Pride of India
भारत-रूस के प्रगाढ़ सैन्य संबंध जगजाहिर हैं। दशकों से भारत को हथियार सप्लाई करता रहा। मिग, सुखाई जेट, ब्रह्मोस मिसाइल और एस-400 मिसाइल सिस्टम दिए।
यूक्रेन युद्ध के बाद भी भारत को हथियार बेचे। अब रूस के निर्यातकों ने भारत से 4 अरब डॉलर के हथियार और साजो सामान परचेज किए हैं। आइए इसकी वजह जानते हैं?
भारत और रूस के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए वोस्ट्रो एकाउंट खोला गया था। उसमें रूस का पैसा फंसा हुआ है। जिसे वह नहीं ले जा पा रहा है और उन्हीं से हथियार खरीदे हैं।
वोस्ट्रो एकाउंट में अक्टूबर तक रूस के 8 अरब डॉलर फंसे हुए थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन पैसों का यूज नहीं हो पा रहा था। 6 महीने में सिर्फ 4 अरब डॉलर ही यूज हो सके थे।
रूस के साथ स्थानीय मुद्रा में लेन देन की RBI ने मंजूरी दी थी। रूस वोस्ट्रो एकाउंट का यूज भारत से सामान आयात करने को करता है। तेल निर्यात के बाद इन खातों में पैसा बढ़ा।
यदि कोई विदेशी बैंक देश में भारतीय मुद्रा में एकाउंट खोलता है तो उसे वोस्ट्रो एकाउंट कहते हैं। आयातक द्वारा विदेशी बैंक को रूपये में पेमेंट इसी खाते में जमा किया जाता है।
यदि किसी भारतीय निर्यातक को सामान के बदले भुगतान की आवश्यकता होगी तो वोस्ट्रो एकाउंट से उन पैसों को निर्यातक के खातों में जमा किया जाता है।