Pride of India
डिफेंस सेक्टर में भारत के वैज्ञानिकों ने देश को एक कदम और आगे बढ़ा दिया है। DRDO की इकाई DMSRDE के वैज्ञानिकों को यह सफलता मिली है।
DRDO की इकाई रक्षा सामग्री और भंडार अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (DMSRDE), जीटी रोड के साइंटिस्ट्स का रिसर्च सफल हुआ है।
वैज्ञानिकों द्वारा सुपरसोनिक और हाइपरसोनिक मिसाइल, ब्रह्मोस में लगने वाले रैमजेट इंजन के लिए स्वदेशी ईंधन पर अनुसंधान किया जा रहा था। जिसमें सफलता मिली है।
वैज्ञानिकों को मिली इस सफलता के बाद अब ईंधन की आपूर्ति के लिए भारत की रूस पर निर्भरता खत्म हो जाएगी। यह तकनीक जल्द ही उद्योगों को हस्तांतरित की जा सकती है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्रह्मोस, सुपरसोनिक और हाइपरसोनिक मिसाइल में रैमजेट इंजन यूज होता है। उसका फ्लैश प्वाइंट हाई कैपेसिटी का होता है।
वैज्ञानिकों की टीम हाई परफार्मेंस फ्यूल पर रिसर्च कर रही थी। यह ईंधन माइनस 50 डिग्री सेल्सियस पर भी नहीं जमता है।
भारत में यह ईंधन विकसित होने से खरीद की लागत में 10 गुना तक कमी आएगी और मिसाइल का ईंधन बनाने के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर बनेगा।