डिफेंस सेक्टर में भारत की उड़ान...रूस पर निर्भरता ऐसे होगी खत्म
pride-of-india May 11 2024
Author: Rajkumar Upadhyaya Image Credits:social media
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डिफेंस सेक्टर में एक कदम और आगे बढ़ा भारत
डिफेंस सेक्टर में भारत के वैज्ञानिकों ने देश को एक कदम और आगे बढ़ा दिया है। DRDO की इकाई DMSRDE के वैज्ञानिकों को यह सफलता मिली है।
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वैज्ञानिकों का रिसर्च सफल
DRDO की इकाई रक्षा सामग्री और भंडार अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (DMSRDE), जीटी रोड के साइंटिस्ट्स का रिसर्च सफल हुआ है।
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स्वदेशी ईंधन बनाने में सफलता
वैज्ञानिकों द्वारा सुपरसोनिक और हाइपरसोनिक मिसाइल, ब्रह्मोस में लगने वाले रैमजेट इंजन के लिए स्वदेशी ईंधन पर अनुसंधान किया जा रहा था। जिसमें सफलता मिली है।
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रूस पर निर्भरता होगी खत्म
वैज्ञानिकों को मिली इस सफलता के बाद अब ईंधन की आपूर्ति के लिए भारत की रूस पर निर्भरता खत्म हो जाएगी। यह तकनीक जल्द ही उद्योगों को हस्तांतरित की जा सकती है।
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हाई कैपेसिटी का होता है रैमजेट इंजन का फ्लैश प्वाइंट
रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्रह्मोस, सुपरसोनिक और हाइपरसोनिक मिसाइल में रैमजेट इंजन यूज होता है। उसका फ्लैश प्वाइंट हाई कैपेसिटी का होता है।
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-50 डिग्री पर भी नहीं जमता है ईंधन
वैज्ञानिकों की टीम हाई परफार्मेंस फ्यूल पर रिसर्च कर रही थी। यह ईंधन माइनस 50 डिग्री सेल्सियस पर भी नहीं जमता है।
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खरीद लागत में 10 गुना आएगी कमी
भारत में यह ईंधन विकसित होने से खरीद की लागत में 10 गुना तक कमी आएगी और मिसाइल का ईंधन बनाने के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर बनेगा।