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प्रेमानंद महाराज पीले के अलावा और किसी रंग को कपड़े क्यों नहीं पहनते?

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प्रेमानंद महाराज देते हैं आसान जवाब

वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज अक्सर अपने प्रवचनों के चलते सोशल मीडिया पर छाए रहते हैं। वे मुश्किल प्रश्नों का इतना आसान हल बताते हैं, इसलिए प्रतिदिन उनके पास हजारों लोग आते हैं।

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क्यों पहनते हैं पीले वस्त्र?

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि प्रेमानंद महाराज हमेशा पीले वस्त्र ही पहनते हैं। महाराज श्री ऐसा क्यों करते हैं, और किसी रंग के कपड़ने क्यों नहीं पहनते, इसके बारे में कम लोगों को पता है।

 

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इस संप्रदाय से जुड़े हैं महाराज

दरअसल प्रेमानंद महाराज राधावल्लभ संप्रदाय से जुड़े हैं। राधा वल्लभ संप्रदाय में राधा रानी की भक्ति प्रमुखता से की जाती है। इस संप्रदाय के कुछ खास नियम हैं, जिसे सभी मानते हैं।

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राधा रानी को प्रिय है ये रंग

मान्यता है कि पीला रंग राधा रानी को अतिप्रिय है। इसलिए राधावल्लभ संप्रदाय के संत सिर्फ पीले रंग के वस्त्र ही पहनते हैं। इसलिए इस संप्रदाय में पीले रंग का विशेष महत्व माना गया है।

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सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है रंग

शास्त्रों में पीले रंग को सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। ये ऊर्जा भक्ति मार्ग पर चलने वाले साधकों को चाहिए होती है, इसलिए अधिकांश साधु-संत पीले रंग के वस्त्र ही पहनते हैं।

 

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तिलक भी सबसे अलग

राधावल्लभ संप्रदाय में चंदन से एक खास तरह का तिलक अपने मस्तक पर लगाया जाता है जैसा कि प्रेमानंद महाराज के मस्तक पर दिखाई देता है। इस तिलक राधावल्लभ संप्रदाय की पहचान है।

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