प्रेमानंद महाराज: बच्चों के 2 नाम क्यों रखने चाहिए, इससे क्या लाभ है?
spirituality Mar 10 2024
Author: Manish Meharele Image Credits:freepik
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रोज आते हैं हजारों भक्त
वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज अपने भक्तों के प्रश्नों का जवाब बहुत ही सहजता से देते हैं ताकि आमजन भी इन बातों को अच्छी तरह से समझ सके। इसलिए रोज उनके पास हजारों भक्त आते हैं।
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बच्चों के नाम कैसे रखें?
एक भक्त ने प्रेमानंद महाराज से पूछा कि ‘ हिंदू धर्म में बच्चों के नाम भगवान के नाम पर रखने की परंपरा है, लेकिन स्कूल आदि में ये नाम रखना ठीक नहीं होता, ऐसी स्थिति में क्या करें?’
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एक व्यक्ति के 2 नाम रखना उचित
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि ‘एक व्यक्ति के 2 नाम रखे जा सकते हैं। एक नाम जन्म नक्षत्र के आधार पर विद्वानों से पूछकर रखना चाहिए, जो सांसारिक कामों में उपयोग लिया जा सकता है।
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दूसरा नाम रखें भगवान के नाम पर
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि ‘बच्चे का दूसरा नाम हम अपनी इच्छा अनुसार भगवान के नाम पर रख सकते हैं जैसे-शिव, कान्हा, भोला, राधा, गौरी आदि। इससे शुभ फल मिल सकते हैं।
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सांसारिक नाम अलग क्यों?
वर्तमान समय में सांसारिक कामों के लिए किसी भी तरह के नाम रखने का चलन है, कईं बार इन नामों का कोई अर्थ भी नहीं होता। सुनने में अच्छे लगने के कारण ये नाम रखे जाते हैं।
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भगवान पर क्यों रखें नाम?
बच्चों का नाम भगवान के नाम पर रखने की परंपरा काफी पुरानी है। मान्यता है कि ऐसा करने से दिन भर में कईं बार भगवान के नाम का स्मरण करते हैं, जिससे शुभ फल मिलते हैं।