प्रेमानंद बाबा ने क्यों कहा ‘संतों का स्वभाव पागल कुत्ते जैसा होता है’
spirituality Mar 11 2024
Author: Manish Meharele Image Credits:facebook
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रोज आते हैं हजारों भक्त
वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज के प्रवचन अद्भुत होते हैं क्योंकि वे गूड़ रहस्य की बातें भी सहजता से बता देते हैं। इसी वजह से रोज उनके पास हजारों भक्तों की भीड़ उमड़ती है।
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कैसे होता है संतों का स्वभाव?
पिछले दिनों अपने प्रवचन में प्रेमानंद महाराज ने कहा कि संतों का स्वभाव पागल कुत्ते की तरह होता है। सुनने में ये बात थोड़ी असहज लगे, लेकिन इसके पीछे गहरा रहस्य छिपा है।
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पागल कुत्ता काटकर ही मानता है
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ‘कोई पागल कुत्ता किसी व्यक्ति को लक्ष्य बना ले तो हजारों की भीड़ में भी उसे ढूंढकर काट ही लेता है। क्योंकि उसका एकमात्र लक्ष्य वो व्यक्ति ही होता है।’
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संतों का स्वभाव भी ऐसा ही
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ‘संतों का स्वभाव भी ऐसा ही होता है, जिस किसी पर उनकी कृपा दृष्टि हो जाती है, वह आज नहीं तो कल संसार को छोड़कर वैराग्य धारण कर लेता है।’
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कैसे होती है संतों की कृपा?
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ‘जिस पर संतों की कृपा हो जाती है, वो व्यक्ति चाहकर भी कोई बुरा काम नहीं कर सकता है, अगर वो ऐसा करना भी चाहेगा तो उसका मन नहीं मानेगा।’
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किसा संत ने कही ये बात?
‘संत का स्वभाव पागल कुत्ते की तरह होता है’, ये बात मूल रूप से प्रसिद्ध संत राधा बाबा द्वारा कही गई है। उनकी पुस्तक में भी ये बात कही गई है।