Spirituality
वृंदावन वाले प्रेमानंदजी महाराज उनके पास आने वाले हर व्यक्ति की समस्या और शंका का समाधान बड़ी ही सहजता से देते हैं। कभी-कभी लोग उनसे कुछ अटपटे सवाल पूछ लेते हैं।
एक बार सत्संग के दौरान एक भक्त ने प्रेमानंद महाराज से पूछा कि भगवान हैं इसका क्या प्रमाण है? इस सवाल का महाराज ने बड़ी ही सहजता से उत्तर दिया और भक्त की जिज्ञासा को शांत किया।
क्या भगवान हैं? इस सवाल पर महाराज ने कहा कि ‘बाप के होने का प्रमाण कौन दे सकता है? असली पिता कौन है केवल मां जानती है। भगवान है इसका प्रमाण सद्गुरु देव रूपी मां से मिलता है।’
‘कृति है तो रचनाकार भी है, पुत्र है तो बाप है, सृष्टि है तो उसका मालिक है। अगर भगवान का प्रमाण चाहिए तो साधना करो। इसी के माध्यम से भगवान का अनुभव संभव है।’
प्रेमानंद महाराज के अनुसार ‘प्रभु का अनुभव करना है तो आहार शुद्ध कीजिए। नाप जप कीजिए और असहाय की सहायता कीजिए। इसके बाद ही आपको प्रभु का अनुभव संभव है।’
प्रेमानंद महाराज के अनुसार ‘कुछ लोग राष्ट्रपति के बारे में नहीं जानते क्योंकि वे या तो अनपढ़ हैं या समाचार नहीं देखते। ऐसे ही जो साधना नहीं करते वे ईश्वर को कैसे जान पाएंगे?’