केरल की एक अदालत ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। मामला भ्रामक विज्ञापन और दावों से जुड़ा है, जिसमें दिव्य फार्मेसी का नाम भी शामिल है।
पलक्कड़ के औषधि निरीक्षक ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप है कि पतंजलि ने औषधि एवं चमत्कारिक उपचार (आक्षेपणीय विज्ञापन) अधिनियम, 1954 का उल्लंघन किया है।
16 जनवरी को पलक्कड़ न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट ने जमानती वारंट जारी किया। शिकायतकर्ता और आरोपी दोनों अनुपस्थित थे। अगली सुनवाई 1 फरवरी को होगी।
बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण इससे पहले भी अपने प्रोडक्ट्स और दावों को लेकर विवादों में रहे हैं।
2015 में इंस्टेंट आटा नूडल्स लॉन्च करने से पहले FSSAI से लाइसेंस न लेने पर कानूनी नोटिस का सामना करना पड़ा था।
2015 में CSD ने पतंजलि के आंवला जूस को "पीने के लिए अनफिट" बताते हुए स्टोर्स से हटाया था।
FSSAI ने गिलोय घनवटी पर गलत मैन्युफैक्चरिंग डेट को लेकर पतंजलि को फटकार लगाई थी।
बाबा रामदेव ने दावा किया था कि कोरोनिल से कोरोना का इलाज हो सकता है।