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महाकुंभ 2025 में देश की दिग्गज कंपनियां किसी ने किसी रूप में खुद की ब्रांडिंग करने में जुटी हुई हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये कंपनियां अपने ब्रांड को चमकाने के लिए करीबन 30,000 करोड़ रुपये खर्च कर रही हैं।
महाकुंभ 2025 में वोकल फॉर लोकल को भी बढ़ावा मिल रहा है। करीबन 6 हजार वर्गमीटर एरिया में ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) की प्रदर्शनी लगी है।
महाकुंभ में ओडीओपी के स्टॉल लोगों को अट्रैक्ट कर रहे हैं। यहां काशी की ठंडई से लेकर बनारसी साड़ी और गोरखपुर के टेराकोट के आइटम तक मिल रहे हैं।
यूपी के एमएसएमई विभाग के मुताबिक, महाकुंभ में लगभग 35 करोड़ रुपये का कारोबार हो सकता है। हस्तशिल्प प्रोडक्ट्स को ज्यादा फायदा मिलने की उम्मीद है।
महाकुंभ 2025 में तमाम राज्यों की विविधता भी दिख रही है। चाहे संस्कृति, लोक परंपरा या खान-पान, वेषभूषा की बात हो। अधिकांश राज्यों के राज्य मंडपम में इसे दिखााया जा रहा है।