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अब तक मच्छरों से फैलने वाले रोगों से ही ज्यादातर लोगों की मौतें होती थी। हालिया स्टडी में एक नई बात सामने आई है। पता चला है कि अब फंगल इंफेक्शन से सबसे ज्यादा मौतें हो रही हैं।
दशक भर पहले जहां हर साल 20 लाख लोग फंगल संक्रमण का शिकार बन रहे थे। अब हर साल 38 लाख से ज्यादा लोगों की इसकी वजह से मौत हुई है।
लैंसेट इंफेक्शियस डिजीज में पब्लिश रिपोर्ट के अनुसार, भारत सहित 80 देशों में इस संबंध में स्टडी की गई। फंगल कई रोगों में विकारों को बढ़ा देता है। इसलिए मौत की आशंका बढ़ जाती है।
इससे मलेरिया से 6 गुना और टीबी से 3 गुना ज्यादा मौतें हुई हैं। इसका कवक एस्परगिलस फ्यूमिगेटस और एस्परगिलस फ्लेव बहुत घातक है। यह फेफड़े के इंफेक्शन की वजह बनता है।
अस्थमा, टीबी और फेफड़ों के कैंसर, ल्यूकेमिया जैसी बीमारियों से पीड़ित इससे प्रभावित लोगों में शामिल हैं, जिनका आर्गेन ट्रांसप्लांट किया गया है।
फंगस से पैदा हुए रोगों की वजह से 68 प्रतिशत यानी 25.5 लाख मौतें हुई हैं, हालांकि 12 लाख यानी 32 मृतकों का संबंध अन्य रोगों से था।
सांस रोग की वजह से 32.3 लाख मौतों में से एक तिहाई एस्परगिलस फंगस के संक्रमण से होती हैं। डॉक्टर समय से फंगल रोग पहचान नहीं पाते या बहुत देर से पता कर पाते हैं।