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मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के अनुसार दोपहिया वाहन चालक को हेलमेट पहनना अनिवार्य है। हेलमेट खरीदते समय उसकी बेस्ट क्वालिटी के लिए ये 7 स्टेप फॉलो करके आप अपनी जिंदगी सेक्योर कर सकते हैं।
इस बात का ध्यान रखें कि कभी भी फुटपाथ पर या सड़क किनारे बिकने वाले हेलमेट न खरीदें। हेलमेट ऐसा होना चाहिए कि चोट चाहे जितनी जो की लगे, सिर सुरक्षित रहे। हथौड़ा मारने से भी न टूटे।
तय मानक के अनुसार किसी भी बेस्ट क्वालिटी के हेलमेट का वेट 1.2 KG से अधिक नहीं होना चाहिए। इससे ज्यादा वजन का हेलमेट कभी नहीं खरीदना चाहिए।
कभी भी स्टाइलिश दिखने के चक्कर में अपने सिर की सुरक्षा से समझौता न करें। कार्बन फाइबर, केवलर और फाइबर ग्लास कंपोजिट से बने हेलमेट मजबूत होते हैं। यह लांग टाइम तक सिर को बचाते हैं।
कभी भी किसी ब्रांडेड कंपनी के हेलमेट का कॉपी वर्जन नहीं खरीदना चाहिए। हेलमेट की बाहरी लेयर और कुशन के बीच की मोटाई एक से सवा इंच के करीब होनी चाहिए।
महिलाओं के लिए मिलने वाला हाफ कवर वाला हेलमेट यूजफूल कतई नहीं होता है। उससे कोई सुरक्षा नहीं होती। हेलमेट फुल कवर होना चाहिए। पूरी तरह एयरटाइट और साउंड प्रूफ नहीं होना चाहिए।
कलर और ब्यूटी से ज्यादा उसकी क्वालिटी पर फोकस करना चाहिए। ट्रांसपैरेंट ग्लास होना चाहिए। आंखों से लेकर नाक के नीचे तक प्रापर स्पेस हो और उस जगह पर मजबूत क्वालिटी का ग्लास लगा हो।
हेलमेट का साइज ऐसा हो कि वह सिर में बिल्कुल फिट रहे। एक बार लगाने के बाद वह हिलना-डुलना नहीं चाहिए। माथे से खिसककर आंखों पर नहीं आना चाहिए।