MahaKumbh 2025: करोड़ो लोगों की ऐसे सटीक काउंटिंग, बनेगा महारिकॉर्ड

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MahaKumbh 2025: करोड़ो लोगों की ऐसे सटीक काउंटिंग, बनेगा महारिकॉर्ड

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<p>महाकुंभ 2025 में प्रदेश सरकार ने आधुनिक तकनीकों का सहारा लेते हुए 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं की गिनती का फैसला किया है। </p>

एआई करेगा दुनिया का सबसे बड़ा हेडकाउंट

महाकुंभ 2025 में प्रदेश सरकार ने आधुनिक तकनीकों का सहारा लेते हुए 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं की गिनती का फैसला किया है। 

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<p>सीसीटीवी कैमरों के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग किया जाएगा। योगी सरकार का दावा है कि इस बार महाकुंभ में दुनिया का सबसे बड़ा हेडकाउंट रिकॉर्ड बनेगा।</p>

सीसीटीवी कैमरों और AI का यूज

सीसीटीवी कैमरों के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग किया जाएगा। योगी सरकार का दावा है कि इस बार महाकुंभ में दुनिया का सबसे बड़ा हेडकाउंट रिकॉर्ड बनेगा।

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<p>महाकुंभ में भीड़ की सही गिनती और ट्रैकिंग के लिए 200 स्थानों पर 744 अस्थायी सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। साथ ही शहर के 268 स्थानों पर 1107 स्थायी कैमरे भी लगाए गए हैं। <br />
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महाकुंभ में लगें कितने सीसीटीवी कैमरे?

महाकुंभ में भीड़ की सही गिनती और ट्रैकिंग के लिए 200 स्थानों पर 744 अस्थायी सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। साथ ही शहर के 268 स्थानों पर 1107 स्थायी कैमरे भी लगाए गए हैं। 
 

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पार्किंग स्थलों की भी निगहबानी

100 से ज्यादा पार्किंग वाली जगहों पर भी सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल किए गए हैं। उनकी संख्या 720 है।
 

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इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर से होगी मॉनिटरिंग

इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर (ICCC) और पुलिस लाइन कंट्रोल रूम के अलावा अरैल और झूंसी क्षेत्र में व्यूइंग सेंटर बनाए गए हैं। यहां से श्रद्धालुओं की मॉनिटरिंग की जाएगी।

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AI देगा रियल टाइम अलर्ट

AI आधारित क्राउड मैनेजमेंट सिस्टम भीड़ की डेंसिटी मापने और रियल टाइम अलर्ट देने में मदद करेगा।
 

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हेडकाउंट के लिए इन 3 तकनीकों का होगा यूज

AI कैमरों से हर श्रद्धालु की गिनती होगी। पर्सन एट्रिब्यूट सर्च से यह सुनिश्चित होगा कि किसी व्यक्ति को बार-बार काउंट न किया जाए।

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RFID रिस्ट बैंड

प्रमुख स्नानों के दौरान श्रद्धालुओं को RFID रिस्ट बैंड दिए जाएंगे। RFID रीडर से यह पता लगाया जाएगा कि तीर्थयात्री ने मेला क्षेत्र में कितना समय बिताया।
 

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मोबाइल ऐप ट्रैकिंग

श्रद्धालुओं की सहमति से उनके मोबाइल ऐप के GPS लोकेशन के जरिए ट्रैकिंग की जाएगी। इससे श्रद्धालुओं की गतिविधियों का सटीक रिकॉर्ड रखा जाएगा।

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"टर्नअराउंड साइकिल" क्‍या?

घाटों पर एक श्रद्धालु द्वारा औसतन लिया गया समय "टर्नअराउंड साइकिल" माना जाएगा।

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कोचरन्स फॉर्मूला से सटीक अनुमान

कोचरन्स फॉर्मूला के जरिए नॉन पीक दिनों में 20 लाख और पीक दिनों में 10 करोड़ की जनसंख्या का सटीक अनुमान लगाया जाएगा।

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सटीकता का दावा

AI और अन्य तकनीकों की मदद से सरकार का दावा है कि 95% तक सटीक आंकड़े प्राप्त किए जा सकेंगे। 

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