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बसपा सुप्रीमो मायावती ने 2019 लोकसभा चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी से गठबंधन टूटने का बड़ा राज खोला है।
मायावती ने कहा कि चुनाव के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बसपा नेताओं का फोन तक उठाना बंद कर दिया था, इसलिए उन्होंने पार्टी के सम्मान के लिए यह फैसला लिया।
मायावती ने 59 पेज की बुकलेट जारी की है, जिसमें बसपा कार्यकर्ताओं को पिछले कुछ अहम फैसलों की वजह बताई गई है।
मायावती ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन को खास सफलता नहीं मिली, सपा को 5 और बसपा को 10 सीटें मिली थीं। उसके बाद से ही अखिलेश का व्यवहार बदल गया।
पहली बार मायावती ने सपा नेतृत्व को गठबंधन टूटने का जिम्मेदार ठहराया है और कहा कि सपा ने बसपा का अपमान किया।
कहा जा रहा है कि बसपा का कोर दलित वोट बैंक अब सपा-कांग्रेस गठबंधन की ओर शिफ्ट हो रहा है।
मायावती अब सपा और कांग्रेस पर लगातार हमले कर रही हैं, ताकि अपने कोर दलित वोट बैंक को सहेजा जा सके और अपनी पार्टी मजबूत स्थिति में आए।