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सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) अपने गर्वनमेंट सपोर्ट,अच्छे इंटरेस्ट रेट और टैक्स बेनीफिट के कारण व्यापक रूप से पसंदीदा सेविंग ऑप्शन है। PPF एकाउंट का मैच्योरिटी पीरियड 15 साल होता है।
इसमें 15 वर्ष की अनिवार्य लॉक-इन पीरियड होती है अर्थात PPF एकाउंट में जमा एमाउंट को इस पीरियड के पूरा होने से पहले पूर्णतः या आंशिक रूप से निकाला नहीं जा सकता।
15 साल के बाद PPF एकाउंट को 5 साल के ब्लॉक में बढ़ाया जा सकता है। कंपाउंड इंट्रेंस पर आधारित इसका रिटर्न इसे कंजर्वेटिव इन्वेस्टर्स के लिए एक आकर्षक इन्वेस्ट ऑप्शन बनाता है।
PPF Interest Rate जुलाई-सितंबर 2024 के लिए लेटेस्ट अपडेट के अनुसार, PPF इंटरेस्ट रेट 7.1% पर ईयर है। इस बार इंटरेस्ट रेट में कोई चेंजिंग नहीं की गई है।
PPF पर इंटरेस्ट का कैलकुलेशन मंथली आधार पर किया जाता है। महीने की 5वीं और लास्ट डेट को बैलेंस की तुलना की जाती है और रिटर्न कैलकुलेशन के लिए कम बैलेंस को ध्यान में रखा जाता है।
मान लीजिए यदि आपके एकाउंट में 5 और 30 जून को 5,000 और 1,000 रुपये का बैलेंस था, तो जून महीने के लिए रिटर्न कैलकुलेशन करते समय बाद वाले बैलेंस को ध्यान में रखा जाएगा।
PPF एकाउंट हिंदू अविभाजित परिवार (HUF), ट्रस्ट या NRI द्वारा नहीं ओपेन किए जा सकते हैं। EEE कैटेगरी के तहत इसमें डिपोजिट, इंटरेस्ट इनकम और मेच्योरिटी इनकम टैक्स फ्री हैं।
यदि कोई इंडियन PPF स्कीम की मेच्योरिटी से पहले NRI बन जाता है, तो भी वह उसमें इन्वेस्ट कर सकता हैं, लेकिन PPF एकाउंट का एमाउंट देश से बाहर नहीं ट्रांसफर किया जा सकता है।
इन्वेस्टर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत सालाना 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का क्लेम कर सकते हैं। PPF पर मिला इंटरेस्ट भी एक्ट के सेक्शन 10 के तहत टैक्स फ्री है।
PPF के अंतर्गत टैक्स बेनीफिट का क्लेम इन्वेस्ट डाक्यूमेंट्स के प्रमाण के साथ वार्षिक इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते समय किया जा सकता है।