Premanand Maharaj:'लोग क्या कहेंगे?' का डर कैसे खत्म करें?

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Premanand Maharaj:'लोग क्या कहेंगे?' का डर कैसे खत्म करें?

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<p>लोग क्या कहते हैं यह सुनकर...अगर हम लोगों के लिए जिए तो तुम यह चिंता छोड़ दो कि हम सुख शांति से जिएंगे। लोगों का अलग दिमाग है।</p>

लोगों का दिमाग अलग

लोग क्या कहते हैं यह सुनकर...अगर हम लोगों के लिए जिए तो तुम यह चिंता छोड़ दो कि हम सुख शांति से जिएंगे। लोगों का अलग दिमाग है।

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<p>सब लोगों की वृत्ति को हम प्रसन्न कर सकें। ऐसा असंभव है। अपनी मस्ती में चलें। </p>

लोगों की वृत्ति को प्रसन्न कर सकें, ऐसा असंभव

सब लोगों की वृत्ति को हम प्रसन्न कर सकें। ऐसा असंभव है। अपनी मस्ती में चलें। 

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<p>हमको ये देखना चाहिए कि हम गलत नहीं है। यदि लोग हमें गलत कह रहे हैं और हम गलत हैं तो हमें सुधार करना चाहिए।</p>

हमें क्या देखना चाहिए?

हमको ये देखना चाहिए कि हम गलत नहीं है। यदि लोग हमें गलत कह रहे हैं और हम गलत हैं तो हमें सुधार करना चाहिए।

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यदि हम सही हैं तो लोगों के कहने पर विचार भी नहीं

यदि हम सही चल रहे हैं तो लोग क्या कह रहे हैं। इस पर विचार नहीं करना चाहिए।

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लोग उपहास करते हैं तो करने दीजिए

लोग आपका उपहास करते हैं तो करने दीजिए। वो गलत हैं, आप सही हैं। कहीं संकोच मत करिए। 

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चुप रहो, तुम्हारी उन्नति होगी

यदि कोई आपको शराब न पीने पर, गर्लफ्रेंड और ब्वायफ्रेंड के चक्कर में न पड़ने पर कहते हैं कि यह तो पुराने जमाने का है तो तुम चुप रहो। तुम्हारी उन्नति होगी।

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उपहास करने वालों की होती है दुर्दशा

उपहास करने वाले लोग एक दिन माया के जाल में फंसेंगे। बहुत बुरी तरह उनकी दुर्दशा हो जाएगी।

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