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एक भक्त ने प्रेमानंद महाराज से पूछा कि आप राधा रानी का ध्यान करते हैं फिर भी शरीर को इतना कष्ट क्यों? आपको बता दें कि महाराज जी की दोनों किडनी फेल हैं।
प्रेमानंद महाराज ने भक्त को जवाब देते हुए कहा कि राधा रानी का ध्यान आज कर रहे हैं और शरीर आज के 55 से 56 साल पहले रचा गया था।
उन्होंने कहा कि जब यह शरीर रचा गया था तो पाप पुण्य मिलाकर रख दिए गए थे। किडनी का सृजन मां के गर्भ से ही होता है।
वह कहते हैं कि यह शरीर के पूर्व पाप का फल (दोनों किडनी फेल) है, फल भोगना पड़ता है।
आगे प्रेमानंद जी कहते हैं कि अब भजन का फल देखो। दोनो किडनी फेल है। हर तरह की परेशानी है। पर हर परेशानी में आनंद है। बैठकर दिनचर्या कर रहे हैं।
वह कहते हैं कि अब सारा हिसाब पूरा होना है। अब यह परेशानियों का अंत है। हम अपने घर आ गए हैं। अब यह शरीर चाहे सड़ जाए। हम पर कोई फर्क नहीं पड़ता।