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भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य लीलाओं की साक्षी रहा वृंदावन सदियों से आध्यात्मिक विरासत सहेजे हुए है। दुनिया भर से लाखो भक्त इस पवित्र धाम के दर्शन करने जाते हैं।
अक्सर भक्त वृंदावन से कुछ चीजें अपने घर ले जाते हैं। प्रेमानंद महाराज ने अपने सत्संग में बताया है कि यहां से क्या चीजें अपने घर नहीं ले जानी चाहिए?
आमतौर पर भक्त वृंदावन की पवित्र धूल, मोर पंख और देवताओं के वस्त्र अपने घर ले जाते हैं। आइए जानते हैं कि भक्तों को वृंदावन से क्या चीजें अपने घर नहीं ले जाना चाहिए।
वृंदावन स्थित पवित्र गोवर्धन पर्वत (गिरिराज) के पत्थरों को ब्रज के बाहर नहीं ले जाना चाहिए। इन पवित्र पत्थरों को उनके दिव्य निवास से कहीं और ले जाना उचित नहीं है।
तुलसी के पौधों को ब्रज की भूमि से उखाड़कर कहीं और नहीं ले जाना चाहिए। यह उचित नहीं है।
वृंदावन से किसी भी जीवित प्राणी को लेकर नहीं जाना चाहिए। उनमें जानवर और पक्षी भी शामिल हैं। जैसे-गाय और मोर। उन्हें परेशान नहीं करना चाहिए।
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि वृंदावन की पवित्र धूल, यमुना नदी या अन्य पवित्र जल, प्रसाद, देवताओं के वस्त्र और मुकुट वगैरह आशीर्वाद के रूप में घर ले जाया जा सकता है।