संभल में इंटरनेट पर लगा ब्रेक, समझें बंदी का पूरा प्रोसेस

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संभल में इंटरनेट पर लगा ब्रेक, समझें बंदी का पूरा प्रोसेस

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<p>संभल के डीएम ने जिले की सीमाओं पर कड़ी निगरानी और चेकिंग का आदेश दिया है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इंटरनेट बंद करने का फैसला कौन और कैसे लेता है?</p>

हिंसा के बीच इंटरनेट शटडाउन

संभल के डीएम ने जिले की सीमाओं पर कड़ी निगरानी और चेकिंग का आदेश दिया है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इंटरनेट बंद करने का फैसला कौन और कैसे लेता है?

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<p>इंटरनेट बंद करने का आदेश जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक (SP) या उससे ऊपर के रैंक का अधिकारी देता है।<br />
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कौन देता है इंटरनेट बंद करने का आदेश?

इंटरनेट बंद करने का आदेश जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक (SP) या उससे ऊपर के रैंक का अधिकारी देता है।
 

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<p>इंटरनेट प्रदाता की जिम्मेदारी: आदेश मिलने के बाद इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स (ISPs) को निर्देश का पालन करना होता है।</p>

इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को करना होता है आदेश का पालन

इंटरनेट प्रदाता की जिम्मेदारी: आदेश मिलने के बाद इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स (ISPs) को निर्देश का पालन करना होता है।

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आदेश न मानने पर कार्रवाई का प्रावधान

अगर ISPs आदेश का पालन नहीं करते, तो उन्हें कानूनी कार्रवाई और जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।

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क्यों लिया जाता है इंटरनेट शटडाउन का फैसला?

इंटरनेट बंद करने का फैसला मुख्य रूप से अफवाहों और हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए लिया जाता है। 

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इंटरनेट शटडाउन क्या है?

‘सॉफ्टवेयर फ्रीडम लॉ सेंटर’ के अनुसार, इंटरनेट शटडाउन का मतलब है, “एक निश्चित समय के लिए सरकार द्वारा एक या अधिक इलाकों में इंटरनेट एक्सेस को बंद करना।”

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