आज हर कोई सोशल मीडिया से जुड़ा है। सुबह से लेकर रात तक व्हाट्सएप और फेसबुक पर सुप्रभात और शुभ रात्रि जैसे संदेश आते हैं। इनमें अक्सर देवी-देवताओं की तस्वीरें भी होती हैं।
कई लोगों के मन में यह सवाल होता है कि भगवान की तस्वीर को डिलीट करना कहीं पाप तो नहीं है?
एक भक्त ने प्रेमानंद महाराज से यही सवाल पूछा। भक्त ने कहा, "सोशल मीडिया पर ठाकुर जी और देवी-देवताओं की तस्वीरें आती हैं। उन्हें डिलीट करना अपराध है क्या?"
प्रेमानंद महाराज ने स्पष्ट किया कि ऐसी तस्वीरों को डिलीट करने में कोई अपराध नहीं है। भगवान दिल और श्रद्धा में वास करते हैं, न कि मोबाइल के संदेशों में।
महाराज जी ने कहा, "दिल बड़ा रखें। सोशल मीडिया पर आई भगवान की तस्वीर को डिलीट करना बिल्कुल दोषरहित है।"
भगवान की भक्ति मोबाइल में नहीं, आपके मन और श्रद्धा में होनी चाहिए।