देश में 5G नेटवर्क की लांचिंग के बाद से ही अब मोबाइल नंबर को लेकर मारामारी शुरू हो गई है। 10 डिजिट के मोबाइल नंबर्स की अब देश में कमी होने लगी है। जिससे दिक्कत बढ़ने का डर है।
इसी को ध्यान में रखते हुए टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने मोबाइल नंबर को लेकर बड़ा फैसला लिया है। ट्राई ने नेशनल नंबरिंग प्लान (NNP) को रिवाइस करने का फैसला किया है।
ट्राई ने इससे पहले साल 2003 में भी ऐसा ही फैसला लिया था। सब्सक्राइबर्स की बढ़ती संख्या की वजह से मोबाइल कंपनियों के लिए नंबरिंग को लेकर नया चैलेंज तैयार कर दिया है।
मोबाइल कंपनियों की इसी प्राब्लम्स को देखते हुए ट्राई ने अलग से नंबरिंग प्लान लाने पर विचार कर रही है, ताकि सब्सक्राइबर्स के सामने नंबर को लेकर समस्या न खड़ी हो।
नेशनल नंबरिंग प्लान की मदद से टेलीकम्युनिकेशन आइडेंटिफायर की पहचान की जाती है और ये अहम भूमिका निभाते हैं। अब लगातार मोबाइल यूजर्स की संख्या बढ़ती जा रही है।
देशभर में 750 मिलियन टेलीफोन कनेक्शन के लिए साल 2003 में नंबरिंग रिसोर्स एलोकेट किया गया था। 21 साल बाद नंबरिंग रिसोर्स रिस्क के दायरे में आ गया है। उसकी वजह है।
वजह ये है कि नेटवर्क प्रोवाइडर्स की तरफ से सर्विस में भी लगातार बदलाव किया जा रहा है और इसकी वजह से नंबर ऑफ कनेक्शन भी तेजी से बढ़ रहे हैं।
भारत में मोबाइल सब्सक्राइबर्स की संख्या भी लगातार बदलती जा रही है। 31 मार्च 2024 तक मोबाइल सब्सक्राइबर्स करीब 85 प्रतिशत तक बढ़ गए है।
ट्राई ने इसको लेकर 07 जून को अपनी वेबसाइट को भी लेटेस्ट अपडेट किया है और सभी से एडवाईज देने को कहा है, क्योकि लंबे समय बाद नेशनल नंबरिंग प्लान में बदलाव किया जा रहा है।
ट्राई ने रिटेन में भी एडवाईज देने की सुविधा दी है। एक रिपोर्ट के अनुसार ट्राई अब मोबाइल नबंर की 10 डिजिट को बढ़ाकर 11 से लेकर 13 डिजिट तक करने की स्कीम पर काम कर रहा है।