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अपने देश को छोड़कर MBBS की पढ़ाई के लिए भारतीय छात्र किर्गिस्तान को क्यों जाते हैं। इसकी 8 प्रमुख वजहे हैं, जिसकी वजह से हमारे बच्चे किर्गिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई करने जाते हैं।
किर्गिस्तान में MBBS की पढ़ाई का खर्च भारत के कई मेडिकल कालेजों की तुलना में कम है। यही किर्गिस्तान को इंटरनेशनल छात्रों के बीच मेडिकल की पढ़ाई के लिए एक पसंदीदा ऑप्शन बनाता है।
किर्गिस्तान के मेडिकल कॉलेज कस्टम मेडिकल एजूकेशन और क्वालिटी क्लीनिकल ट्रेनिंग के लिए जाने जाते हैं। ये मेडिकल स्कूल इंटरनेशनल हाई स्टैंडर्ड एजूकेशन प्रदान करते हैं।
किर्गिस्तान के मेडिकल कॉलेज NMC और WHO द्वारा मान्यता प्राप्त हैं, यही वजह है कि इन विश्वविद्यालयों से ग्रेजुएट दुनिया में कहीं भी प्रैक्टिस कर सकते हैं।
किर्गिस्तान के प्रमुख मेडिकल कॉलेज अंग्रेजी माध्यम में MBBS की पढ़ाई कराते हैं, यही कारण है कि इंटरनेशनल छात्रों के लिए मेडिकल का अध्ययन करने में भाषा कोई बाधा नहीं है।
किर्गिस्तान के मेडिकल कालेज क्लासेज, मेडिकल सेटिंग्स, अस्पताल और सभी सबसे हाईटेक एक्यूपमेंट और प्रक्रियाओं से सुसज्जित हैं। यहां MBBS छात्रों को पढ़ाई कांटेंट समझ आता है।
किर्गिस्तान में MBBS के इंटरनेशनल छात्र युनिवर्सिटी एप्रूव्ड हॉस्पिटल व क्लीनिकल सेटिंग्स में काम करके पर्याप्त इक्सपीरियंस लेते हैं, जो मेडिकल एजूकेशन का एक अनिवार्य हिस्सा है।
किर्गिस्तान MBBS कॉलेजों द्वारा कोई दान या कैपिटेशन शुल्क नहीं लिया जाता है। विश्वविद्यालयों द्वारा ली जाने वाली एमबीबीएस ट्यूशन फीस को छोड़कर कोई छिपी हुई लागत नहीं है।
किर्गिस्तान में MBBS की पढ़ाई के लिए किसी प्रवेश परीक्षा की आवश्यकता नहीं है। भारतीय छात्रों के पास केवल वैध NEET स्कोर होना आवश्यक है, लेकिन उच्च NEET स्कोर की आवश्यकता नहीं है।