कोरोना के दौरान घर से काम का ट्रेंड बढ़ा, क्योंकि स्वास्थ्य कारणों से बाहर निकलना मुश्किल था।
शेड्यूल में लचीलापन, कम्यूट के तनाव में कमी, बेहतर वर्क-लाइफ बैलेंस।
वर्क फ्रॉम होम में आप सोसाइटी से कट जाते हैं। इससे अकेलापन, डिप्रेशन का खतरा होता है। काम और निजी जीवन में दूरी बनाना मुश्किल और क्रिएटिविटी में कमी आती है।
टीम से जुड़ाव और सहयोग, नियमित दिनचर्या, प्रोडक्टिविटी बढ़ती है।
यात्रा का तनाव, मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।
यह पूरी तरह आपकी पसंद और व्यक्तित्व पर निर्भर करता है।