Utility News
"द ट्यूब" के नाम से मशहूर लंदन अंडरग्राउंड दुनिया की पहली मेट्रो ट्रेन थी, 1863 में शुरू किया था। 402 किलोमीटर से ज़्यादा दूरी तय करती हैं 11 लाइनें।
दुनिया के सबसे लंबे मेट्रो नेटवर्क का रिकॉर्ड शंघाई मेट्रो के नाम दर्ज है, 800 किलोमीटर से ज़्यादा ट्रैक और 400 से ज़्यादा स्टेशन इसे खास बनाते हैं।
दुबई मेट्रो और सिंगापुर MRT जैसी कई आधुनिक मेट्रो सिस्टम पूरी तरह से ऑटोमेटिक हैं। ड्राइवरलेस ट्रेनें चलती हैं।
यूक्रेन के कीव में आर्सेनलना स्टेशन दुनिया का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन है, जो जमीन के 105.5 मीटर यानी 346 फ़ीट नीचे स्थित है।
पेरिस में चेटेलेट-लेस हॉल्स दुनिया के सबसे बड़े मेट्रो स्टेशनों में से एक है, जो 15,000 वर्ग मीटर से ज़्यादा जगह में है। यह पाँच मेट्रो लाइनों और तीन RER लाइनों को जोड़ता है।
टोक्यो मेट्रो दुनिया की सबसे बिजी सिस्टम में से एक है, डेली लाखों पैसेंजर्स को सफर कराती है। पीक ऑवर्स के दौरान भी सिर्फ 3 मिनट के अंतराल पर चलती हैं।
दिल्ली मेट्रो दुनिया की पहली ऐसी मेट्रो है जो पूरी तरह से सोलर पॉवर से चलती है।
मॉस्को और न्यूयॉर्क सिटी सबवे सहित कई मेट्रो सिस्टम यात्रियों को मुफ़्त वाई-फ़ाई दिया जाता है। जिससे वह अपनों से कनेक्टेड रह सकें।
शंघाई मैग्लेव, हालांकि एक पारंपरिक मेट्रो सिस्टम नहीं है, लेकिन मैग्नेटिक लेविटेशन (मैग्लेव) टेक्नोलॉजी पर काम करती है और यह सबसे तेज़ ट्रेनों में से एक है।