रिंग ऑफ फायर में आने वाले इंडोनेशिया के सुंडा द्वीप में सुनामी ने भारी तबाही मचाई है। समुद्र के नीच चट्टानें खिसकने से सुनामी आई और पल भर में 168 लोगों की जान चली गई। अभी तक 745 से ज्यादा  लोगों के घायल होने की खबर है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, समुद्र में 10 मीटर से ऊंची लहरें उठीं। 

शनिवार रात को आई सुनामी की वजह से तटीय क्षेत्र में बनी दर्जनों इमारतें मिट्टी में जमींदोज हो गईं। इंडोनेशिया की मौसम विज्ञान और भूभौतिकी एजेंसी के वैज्ञानिकों ने कहा कि अनाक क्राकाटाओ ज्‍वालामुखी के फटने के बाद समुद्र के नीचे भूस्खलन सुनामी का कारण हो सकता है। उन्होंने लहरों के उफान का कारण पूर्णिमा के चंद्रमा को भी बताया। इंडोनेशिया की भूगर्भीय एजेंसी सुनामी की असली वजह पता लगाने में जुटी है।

वैज्ञानिकों ने बताया कि इस द्वीप का निर्माण क्राकाटाओ ज्‍वालामुखी के लावा से हुआ है। इस ज्‍वालामुखी में आखिरी बार अक्‍टूबर में विस्‍फोट हुआ था। सुंडा द्वीप पर राहत और बचाव का कार्य शुरू कर दिया गया है। खास बात यह है कि सुनामी के संबंध में अधिकारियों की ओर से कोई चेतावनी जारी नहीं हुई थी। 

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता स्तुपो पुर्वो नुग्रोहो ने बताया कि क्राकाटोआ ज्वालामुखी फटने के बाद शनिवार को स्थानीय समयानुसार रात लगभग साढ़े नौ बजे दक्षिणी सुमात्रा और पश्चिमी जावा के पास समुद्र की ऊंची लहरें तटों को तोड़कर आगे बढ़ीं जिससे अनेक मकान नष्ट हो गए।

लोगों को बचाने के लिए खोज और बचाव का काम तेज कर दिया गया है। सुनामी की चपेट में आने से कम से कम 745 लोग घायल हुए हैं और तीन इलाकों में 20 लोग लापता बताए जा रहे हैं। टीवी चैनलों पर जावा के पश्चिमी पट पर स्थित मशहूर कारिता बीच पर हुए नुकसान की तस्वीरें भी दिखाई जा रही हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने भी आंखों देखा मंजर बयान किया है।

सुनामी के समय कारिता बीच पर मौजूद मुहम्मद बिनतांग ने बताया कि अचानक तेज लहरें उठने लगीं और अंधेरा छा गया। पंद्रह वर्षीय बिनतांग ने कहा, 'हम रात करीब नौ बजे यहां आए थे कि अचानक तेज लहरें उठने लगीं, अंधेरा छा गया और बिजली चली गई।’  

शुरू में अधिकारियों ने दावा किया था कि यह सुनामी नहीं है और सिर्फ समुद्र में उठीं ऊंची लहरें हैं। नुग्रोहो ने बाद में टि्वटर पर हुई गलती के लिए माफी मांगी और कहा कि क्योंकि भकूंप नहीं आया था, इसलिए शुरू में घटना का कारण पता लगाना मुश्किल था।

सुनामी का सबसे ज्यादा प्रभाव जावा के बांतेन प्रांत के पांडेंगलांग क्षेत्र पर पड़ा है। नुग्रोहो ने कहा कि खोज और बचाव के लिए बुरी तरह प्रभावित इलाकों में भारी मात्रा में उपकरण भेजे जा रहे हैं। इंडोनेशिया की भूगर्भीय एजेंसी के मुताबिक अनाक क्राकाटोआ ज्वालामुखी में बीते कुछ दिनों से राख उठने की वजह से कुछ हरकत होने के संकेत मिल रहे थे।