पाकिस्तान और अमेरिका के बीच तल्खी लगातार बढ़ती जा रही है। अमेरिका आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के रवैये से नाराज है। इसी कारण अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सुरक्षा सहायता रक दी क्योंकि वह आतंकवादियों के पनाहगाह पर कार्रवाई करने में विफल रहा है। 

रविवार को फॉक्स न्यूज को दिए गए साक्षात्कार और सोमवार को दो ट्वीटों में ट्रंप ने कहा था कि पाकिस्तान अमेरिका के लिये कुछ भी नहीं कर रहा है। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने सोमवार को एकबार फिर अपनी बात को दोहराते हुए कहा कि पाकिस्तान ने अमेरिका से अरबों डॉलर लिए लेकिन यह नहीं बताया कि ओसामा बिन लादेन वहां रह रहा है।

 

वहीं, ट्रंप के आरोपों पर पाक के नए पीएम इमरान खान बौखला गए और उन्होंने ट्रंप के आरोप का जवाब ट्विटर पर दिया। ट्विटर पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इमरान ने लिखा कि ट्रंप को ऐतिहासिक तथ्य बताए जाने की जरूरत है। पाकिस्तान को अमेरिका की लड़ाई में काफी नुकसान हुआ है। अब हम वह करेंगे जो हमारी जनता और हमारे हित में होगा।

 

इमरान के ट्वीट के बाद अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद, व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘(ट्रंप) प्रशासन ने हमेशा पाकिस्तानी नेताओं से स्पष्ट किया है कि वह उनसे अपेक्षा करता है कि वे पाकिस्तान में आतंकवादियों के पनाहगाह की समस्या का रचनात्मक तरीके से समाधान करेंगे।’’ 

अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर कहा, ‘‘चूंकि पाकिस्तान समस्या का समाधान करने में विफल रहा, इसलिये प्रशासन ने सुरक्षा सहायता रोक दी।’’ 

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर आतंकवाद के खिलाफ उनकी देश की लड़ाई के बारे में झूठा दावा करने के आरोप लगाने पर अधिकारी ने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान महसूस करेगा कि अफगानिस्तान में अमेरिकी रणनीति के साथ सहयोग करना उसके अपने हित में है।’’ 

उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान जानता था कि ओसामा बिन लादेन ऐबटाबाद में एक भवन में रह रहा है, लेकिन पाकिस्तान को दी गई सारी सहायता बेकार गई। उसे प्रतिवर्ष 1.3 अरब डॉलर की सुरक्षा सहायता दी जा रही थी।

पिछले कई सालों से पाकिस्तान को दी जाने वाली सभी सहायता में कटौती की मांग कर रहे सीनेटर रैंड पॉल ने ट्रंप के फैसले का समर्थन किया।

उन्होंने ट्रंप के पोस्ट को रीट्वीट करते हुए कहा, ‘‘मैं पूरी तरह सहमत हूं। इसलिये हमें पाकिस्तान पर पूरी तरह दबाव बनाना चाहिए कि वह ईसाई महिला आसिया बीबी को अमेरिका में शरण लेने दे।’’ 
पॉल ने ट्रंप से आसिया बीबी को राजनीतिक शरण और शरणार्थी का दर्जा देने का आग्रह किया है।