नई दिल्ली: अपनी बेलगाम जुबान और अजीबोगरीब हरकतों के लिए बदनाम  पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख राशिद अहमद ने एक बार फिर से भारत को परमाणु हथियार से हमले की धमकी दी है। 

पाव आध पाव के परमाणु बम
पाकिस्तान के जियो न्यूज के मुताबिक रविवार को ननकाना साहिब में एक निर्माणाधीन रेलवे स्टेशन के भवन का निरीक्षण करने के बाद मीडिया से बात करते हुए शेख राशिद अहमद ने बताया कि पाकिस्तान के पास 'पाव आध पाव'(125-250 ग्राम) के बम मौजूद हैं। जो किसी खास लक्षित जगह पर मार कर सकते हैं। 

शेख राशिद के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनका मजाक उड़ाया जाने लगा।

2015 में पाकिस्तान ने छोटे बमों के बारे में खुलासा किया था
लेकिन छोटे परमाणु बमों की बात सचमुच चिंताजनक है। दरअसल पाकिस्तान 23 अक्टूबर 2015 में ही यह स्वीकार कर चुका है कि उसके पास छोटे परमाणु बम मौजूद हैं। पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश सचिव ने वाशिंगटन में प्रेस वार्ता के दौरान पूरे पश्चिमी मीडिया के सामने यह जानकारी दी थी। 

 पाकिस्तानी विदेश सचिव ने अमेरिका में कहा कि हमने भारत की कोल्ड-स्टार्ट डॉक्ट्रिन और हमले के खतरे से निपटने के लिए छोटे एटमी हथियार विकसित कर लिये हैं। उनके बयान के एक दिन बाद ही 'न्यूक्लियर बुलेटिन ऑफ एटॉमिक साइंटिस्ट' की न्यूक्लियर नोटबुक रिपोर्ट के हवाले से यह खबर छपी कि पाकिस्तान के पास 110-130 परमाणु हथियारों का जखीरा है। 2011 में इसकी संख्या 90-110 थी। 

इस स्थिति से रिपोर्ट में दावा किया गया है कि, 2025 तक पाकिस्तान दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बन सकता है। न्यूक्लियर नोटबुक पाकिस्तान की परमाणु जानकारी को सामने लाने का सबसे प्रामाणिक स्रोत है। एटमी हथियारों के मामले में पाकिस्तान फिलहाल अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन से पीछे है। मगर पाकिस्तान के पास भारत से ज्यादा एटमी हथियार हैं।

पाकिस्तान के कई विशेषज्ञ जानते हैं छोटे बमों का राज
पाकिस्तान के स्वतंत्र सुरक्षा विश्लेषक परवेज़ हूडभॉय ने भी कहाहै कि "सच्चाई तो यह है कि पाकिस्तान छोटे परमाणु हथियार बना रहा था, यह बात पूरी दुनिया उस दिन से जानती थी जिस दिन से पाकिस्तान ने अपना मिसाइल कार्यक्रम शुरू किया था।"

लेकिन शेख राशिद ने जिस पाव आध पाव के बम का जिक्र किया उसके बारे में पाकिस्तान के लाहौर के सुरक्षा विशेषज्ञ हसन असकरी रिज़वी ने भी अंदेशा जताया था  कि पाकिस्तान ने इतने छोटे परमाणु हथियार भी बनाए हो सकते हैं जो एक ख़ास तरह की डिजाइन की गई बंदूक़ से चलाई जा सकें। 

वास्तव में देखा जाए तो लड़ाई के मैदान में इस्तेमाल होने वाले यह छोटे परमाणु हथियार बड़े परमाणु हथियारों से ज्यादा ख़तरनाक साबित हो सकते हैं। क्योंकि इन्हें जंग के मैदान में कई जगहों पर रखा जा सकता है और निशाने के नज़दीक ले जाकर फायरिंग की जा सकती है। 

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में उठा था छोटे परमाणु बमों का मुद्दा
वास्तव में छोटे परमाणु बमों का विकसित किया जाना एक बेहद खतरनाक बात है। अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने पाकिस्तान के एटमी हथियारों के जिहादियों के हाथों में जाने की आशंका जताई थी। हिलेरी ने कहा था कि यह ‘एक खतरनाक स्थिति’ होगी। 

द न्यूयार्क टाइम्स ने डेमोक्रेटिक पार्टी के कंप्यूटरों से हैक हुए 50 मिनट के एक ऑडियो क्लिप का हवाला दिया था। इसमें बताया गया है कि पूर्व विदेश मंत्री ने कहा था, ‘पाकिस्तान भारत के साथ जारी अपने तनाव के मद्देनजर टैक्टिकल एटमी हथियार बनाने में तेजी से काम कर रहा है। लेकिन हमें आशंका है कि वहां एक तख्तापलट हो सकता है और जिहादी सरकार पर कब्जा जमा सकते हैं, वे एटमी हथियार हासिल कर सकते हैं और आपको फिदायीन एटमी हमलावरों से जूझना पड़ेगा।’

पाकिस्तान के एटमी हथियारों का मुद्दा अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार अभियान का प्रमुख मुद्दा बन गया था। वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी उम्मीदवार के तौर पर एक बहस के दौरान कहा कि अगर पाकिस्तान अस्थिर हो जाता है तो अमेरिका को उसके एटम बम छीन लेने चाहिए। ट्रंप ने कहा कि भारत को भी ऐसी योजना में शामिल करना चाहिए। ट्रंप के अलावा भी कई अमेरिकी नेता इस तरह की आशंका जता चुके हैं। 

छोटे परमाणु हथियार आतंकियों के हाथ लगने का गंभीर खतरा 
चिंताजनक तो यह भी है कि पाकिस्तान ने कई एटमी हथियारों का पहले इस्तेमाल करने की धमकी दी है। मगर ज्यादा खतरा उसके पहले इस्तेमाल का नहीं है जितना उसके एटमी हथियार आतंकवादियो के हाथ पढ़ने का है। दरअसल पाकिस्तान ने बहुत शौक से एटमी हथियार तो बना लिए मगर उनकी सुरक्षा करना उसके बस की बात नहीं है। इस कारण पाकिस्तानी एटमी हथियार उसके और सारी दुनिया के लिए सिरदर्द बन गए है।  

क्योंकि पाकिस्तान के बहुत बड़े हिस्से पर इस्लामी आतंकवादियों का दबदबा चल रहा है। लेकिन इससे भी ज्यादा थर्रा देने वाली हकीकत यह है कि पाकिस्तान के एटमी हथियारों पर खूंखार आतंकवादियों का कभी भी कब्जा हो सकता है।

पाकिस्तान के कई एटमी ठिकानों के पास पहुंच चुके हैं आतंकवादी
 पाकिस्तान के एटमी हथियारों की सुरक्षा को लेकर सवाल पिछले सालों से उठाये जा रहे हैं। इस दौरान पाकिस्तान में जैसी घटनाएं हुईं, उन्होंने ये आशंका मजबूत की है कि पाकिस्तान के एटमी हथियार सुरक्षित नहीं हैं। आतंकी गुट पाकिस्तानी फौज के उन ठिकानों को निशाना बनाने में कामयाब हो चुके हैं, जो परमाणु बेस कहे जाते हैं। अगस्त 2012 में  पाकिस्तानी पंजाब के कमरा में मिनहास एयरबेस पर आतंकियों ने हमला कर कई विमानों को नुकसान पहुंचाया था। मिनहास एयरबेस को पाकिस्तान का प्रमुख एटमी ठिकाना माना जाता है।

मई 2011 में कराची में नेवल एयर बेस पीएनएस मेहरान पर हमला हुआ, जहां से एटमी बेस महज 15 किलोमीटर दूर था। अक्टूबर 2009 में आतंकी रावलपंडी में सेना के हेडक्वार्टर पर भी आतंकी हमला कर चुके हैं। 18 सितंबर 2015 को आतंकी पेशावर के एयरफोर्स बेस पर भी हमला कर चुके हैं।

कहीं पूरा पाकिस्तान बन जाए फिदायीन(आत्मघाती) हमलावर
इसके अलावा पाकिस्तान जिस तरह से पूरी दुनिया से अलग थलग होता हुआ आर्थिक बर्बादी के रास्ते पर बढ़ता जा रहा है। ऐसी स्थिति में सबसे बड़ा डर है कि पाकिस्तान का सत्ता प्रतिष्ठान जेहादी मानसिकता से ग्रसित होकर किसी फिदायीन की तरह खुद ही कहीं अपनी बर्बादी की कीमत पर पूरी दुनिया को तबाही के रास्ते पर न झोंक दे।