Corona Virus ने सिर्फ शारीरिक पीड़ा नहीं दी, नौकरियां छूटने से मानसिक आघात भी पहुंचाया। लेकिन जिंदगी फिर पटरी पर लौटने लगी है। खासकर; कोरोना ने लोगों को यह सबक दे दिया कि किसी नौकरी से बेहतर है कि आप Atmanirbhar बनें।
भुवनेश्वर, ओडिशा. Corona Virus ने सारी दुनिया को एक सबक दिया है कि सिर्फ नौकरियों पर निर्भर नहीं रहें। आत्मनिर्भर होने की कोशिश करें। पिछले साल जब कोरोना ने दस्तक दी थी, तब लाखों लोगों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा। लेकिन जिन्होंने आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाए, उनकी जिंदगी फिर से पटरी पर लौट आई।
Odisha: A nurse, Sanjukta Nanda (39), started working as a food delivery agent after losing her job due to the COVID pandemic in Bhubaneswar
"After my husband also lost his job, our sources of income stopped, so I decided to take up this job," she said yesterday pic.twitter.com/mZPnC79Ott
नर्स की नौकरी छूटी, तो फूड डिलीवरी एजेंट बन गईं
ये हैं 39 साल की संजुक्ता नंदा। भुवनेश्वर की रहने वालीं संजुक्ता एक नर्स हैं, लेकिन इस समय कहीं नौकरी नहीं कर रही हैं। कोरोना काल में लाखों लोगों की तरह इनकी भी नौकरी जाती रही। कुछ समय तक ये निराश रहीं, लेकिन फिर हौसला जगाया। आज संजुक्ता फूड डिलीवरी एजेंट के रूप में काम कर रही हैं। संजुक्ता ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया-'मेरे पति की नौकरी जाने के बाद, हमारे आय के स्रोत बंद हो गए, इसलिए मैंने यह काम करने का फैसला किया।'
corona की शुरुआत में ही 12 करोड़ लोगों ने खोया था काम
पिछले साल जब Corona virus ने दस्तक दी थी, तब बड़ी तेजी से नौकरियां छूटी थीं। हालांकि अब स्थितियां धीरे-धीरे काबू में आ चुकी हैं। सेंटर फॉर इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के आकड़ों के मुताबिक़, पिछले साल यानी 2020 में लॉकडाउन लगने के एक महीने के बाद से क़रीब 12 करोड़ लोग अपने काम से हाथ गंवा चुके थे। इनमें से अधिकतर लोग असंगठित और ग्रामीण क्षेत्र से थे। बता दें कि भारत की 40 करोड़ नौकरियों में से अधिकांश असंगठित क्षेत्रों में हैं। CMIE के मुताबिक़, लॉकडाउन के दौरान अप्रैल, 2020 के महीने में ऐसे 7 करोड़ लोगों ने अपना काम-धंधा खोया था। हालांकि अब इनमें से ज्यादातर अपने काम पर लौट चुके हैं।