DRDO ने विकसित की Chaff तकनीकी, रडार खतरों से वायुसेना के लड़ाकू विमानों को बचाएगा

By Team MyNation  |  First Published Aug 20, 2021, 6:09 PM IST

एडवांस्ड Chaff टेक्नोलॉजी एक इलेक्ट्रॉनिक काउंटरमेजर तकनीक है जिसका इस्तेमाल दुनिया भर की सेनाएं नौसेना के जहाजों और विमानों की तरह अपनी संपत्ति की सुरक्षा के लिए करती हैं।

नई दिल्ली। डीआरडीओ की रक्षा प्रयोगशाला जोधपुर (डीएलजे) ने शत्रुतापूर्ण रडार खतरों के खिलाफ भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के लड़ाकू विमानों की सुरक्षा के लिए एक एडवांस Chaff तकनीक विकसित की है। यह तकनीक रक्षा क्षेत्र के लिए बेहद कारगर साबित होने वाली है। 

दुनिया भर की नौ सेनाएं करती हैें तकनीक का इस्तेमाल अपनी रक्षा के लिए

DRDO ने कहा कि डीएलजे ने उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला, पुणे के सहयोग से भारतीय वायुसेना की गुणात्मक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एडवांस Chaff सामग्री एबीडी Chaff कार्टि्रज-118/आई विकसित किया है। इसके सफलतापूर्वक परीक्षण को पूरा होने के बाद इस तकनीक को शामिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। एडवांस्ड Chaff टेक्नोलॉजी एक इलेक्ट्रॉनिक काउंटरमेजर तकनीक है जिसका इस्तेमाल दुनिया भर की सेनाएं नौसेना के जहाजों और विमानों की तरह अपनी संपत्ति की सुरक्षा के लिए करती हैं। यह संपत्ति को रडार और रेडियो फ्रीक्वेंसी से बचाता है।

नौसेना के जहाज हवा में तैनात होने वाले चौफ रॉकेट का प्रयोग करते

DRDO द्वारा मिसाइल हमलों से बचाने के लिए नौसेना के जहाजों के लिए तीन प्रकारों में एक समान तकनीक विकसित करने के महीनों बाद प्रौद्योगिकी विकसित की गई है। भारतीय नौसेना ने भारतीय नौसेना के जहाज पर अरब सागर में तीनों प्रकारों का परीक्षण किया और प्रदर्शन को संतोषजनक पाया। नौसेना के जहाज Chaff रॉकेट का उपयोग करते हैं जो हवा में तैनात होते हैं। ये मिसाइल मार्गदर्शन प्रणाली के लिए कई लक्ष्यों के रूप में कार्य करते हैं।

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